सार

इजराइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास और दूसरे छोटे इस्लामिक संगठन अपनी आक्रमता की भारी कीमत चुकाएंगे। इजराइल 1967 में दुनिया के सामने एक मजबूत देश के तौर उभरा था, जब उसने 6 दिन के युद्ध में 8 देशों को मात दी थी। आईए जानते हैं कि कैसे इजराइल ने इस युद्ध को जीता था। 

येरुशलम. इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष जारी है। फिलिस्तीन के इस्लामिक चरमपंथी संगठन हमास इजराइल की राजधानी तेल अवीव, एश्केलोन और होलोन शहर को निशाना बनाते हुए राकेट दागे। वहीं, इजराइल की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की जा रही है। इस संघर्ष में अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इजराइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास और दूसरे छोटे इस्लामिक संगठन अपनी आक्रमता की भारी कीमत चुकाएंगे। इजराइल 1967 में दुनिया के सामने एक मजबूत देश के तौर उभरा था, जब उसने 6 दिन के युद्ध में 8 देशों को मात दी थी। आईए जानते हैं कि कैसे इजराइल ने इस युद्ध को जीता था। 

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इजराइल का गठन हुआ था। इसके बाद से इजराइल मुस्लिम देशों के निशाने पर आ गए थे। लेकिन आत्मरक्षा के लिए इजराइल ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। 

मिस्त्र ने किया इजराइल के विनाश का ऐलान
27 मई, 1967 को मिस्त्र के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल नासिर ने ऐलान किया कि अरब के लोग इजराइल का विनाश चाहते हैं। इसके बाद मई के आखिर में मिस्त्र और जॉर्डन में समझौता हुआ कि अगर इजराइल ने किसी एक देश पर हमला किया, तो दूसरा उसका साथ देगा। इजराइल और मिस्त्र के बीच लड़े गए इस युद्ध में जॉर्डन, इजिप्ट, इराक, कुवैत, सीरिया, सऊदी अरब, सूडान और अल्जीरिया जैसे देश शामिल हो गए। इसे जून वॉर के नाम से भी जाना जाता है। 

जब इजराइल ने उड़ाए 400 फाइटर जेट्स
इजराइल पर हमला करने के लिए जॉर्डन में सभी देशों ने अपना आर्मी बेस कैंप बनाया। ये देश 6 जून को इजराइल पर हमला करने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही 5 जून को इजराइल ने मिस्त्र के करीब 400 फाइटर जेट्स जमीन पर ही उड़ा दिए थे। इससे दुश्मन देश घबरा गए थे और जंग सिर्फ 6 दिन में ही खत्म हो गई थी।

इजराइल ने गाजा पट्टी पर भी किया हमला
इजराइल को यह पता था कि अगर उसे इस युद्ध को जीतना है कि उसे पहले हमला करना होगा। इसी वजह से इजराइल ने जॉर्डन के आर्मी बेस पर हमला कर दिया। इसके बाद अरब के देशों की सेनाएं इजराइल की सीमा पर इकट्ठी होने लगीं। लेकिन इजराइल की फौज ने जमीनी लड़ाई में भी अरब के देशों को मात दी। इसके बाद गाजा पट्टी भी अपने कब्जे में कर ली थी।

युद्ध में मारे गए थे 1 हजार सैनिक
इजराइल के इस युद्ध में 1 हजार सैनिक मारे गए थे। वहीं, साढ़े चार हजार सैनिक जख्मी हो गए थे। हालांकि, इस युद्द में अरब को ज्यादा नुकसान पहुंचा। अकेले मिस्त्र के 15 हजार सैनिक मारे गए। जबकि जॉर्डन के 6 हजार और सीरिया के करीब एक हजार सैनिक मारे गए थे।