सार

Afghanistan में Taliban की वापसी के साथ ही अलकायदा से जुड़े आतंकवादी सामने आने लगे हैं। twitter पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें लादेन के बेहद करीबी डॉ. अमीन-उल-हक को अपने पैतृक प्रांत में देखा गया है।

काबुल. जिस अलकायदा के खात्मे के लिए अमेरिका ने Afghanistna में युद्ध छेड़ दिया था, अब अमेरिकी सेना के लौटने और Taliban की वापसी के साथ ही लादेन के खास लोग फिर से नजर आने लगे हैं। twitter पर ओसामा बिल लादेन के बेहद करीब माने जाने वाले डॉ. अमीन-उल-हक का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वो अपने पैतृक प्रांत नांगरहार (Nangarhar province) में दिखाई दिया है।

pic.twitter.com/IXbZeJ0nZE

ओसामा का सुरक्षा प्रभारी था अमीन
डॉ. अमीन-उल-हक ओसामा का खास रहा है। वो तोरा बोरा में ओसामा का सिक्योरिटी हेड था। बता दें कि ओसामा को 2011 में अमेरिका सेना ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था। अमीन ओसामा के तब करीब आया था, जब उसने  80 के दशक में मकतबा अखिदमत(Maktaba Akhidmat) में अब्दुल्ला आजम के साथ काम किया था।

यह भी पढ़ें-Taliban Is Back: अफगानिस्तान में आतंक का खौफनाक चेहरा दिखाती तस्वीरें; कब मौत आ जाए, किसी को नहीं पता

नांगरहार प्रांत में ही अमेरिका ने की थी एयर स्ट्राइक
फगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए आत्मघाती हमले के बाद अमेरिका ने ISIS के ठिकाने पर एयर स्ट्राइक(air strike) की थी। एक अमेरिकी ड्रोन ने नांगरहार प्रांत के पूर्वी (eastern Nangarhar province) 7वें जिले काला-ए-नगरक( Qala-e-Naghrak) में ISIS के ठिकाने पर रात 12 बजे बम बरसाया। इसमें काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले के मास्टर माइंड के मारा गया था। इससे पता चलता है कि नांगरहार आतंकवादियों का गढ़ है।


यह भी पढ़ें-अमेरिकी एयर स्ट्राइक में 9 लोगों की मौत को लेकर उठे सवाल, रॉकेट Target से चूका था या बात कुछ और है...

तालिबान का समर्थक है अलकायदा 
अलकायदा ने पिछले दिनों अपने बयान में इस्लामिक अमीरात की अफगानिस्तान में मिली जीत पर खुशी जताते हुए तालिबान को बधाई दी थी। अलकायदा ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि वो दुआ करता है कि तालिबान अफगानिस्तान में शरिया कानून जरूर लागू करेगा। BBC के मुताबिक, अलकायदा की दक्षिण एशिया इकाई अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) ने यह बयान जारी किया था। उर्दू भाषा में लिखे गए इस संदेश को अलकायदा समर्थित टेलिग्राम चैनलों पर 23 अगस्त को शेयर किया गया था। इसमें अलकायदा ने अमेरिका को आक्रमणकारी और पहले की अफगान सरकार को उसका सहयोगी बताया था।

यह भी पढ़ें- ये युद्ध नहीं आसां: Taliban से शांति की 'भीख' मांगते अफगानी बच्चे, हमें जीने दो-पढ़ने दो, Emotional pictures