सार
ब्रिटेन के बाद बहरीन दुनिया का ऐसा दूसरा देश बन गया है जिसने अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की ज्वॉइंट कोरोनावायरस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। नेशनल हेल्थ रेग्युलेट्री अथॉरिटी के सीईओ मरियम अल-जलहमा ने कहा, फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन के मंजूरी से देश में कोरोना के खिलाफ एक और सफलता जुड़ गई है।
नई दिल्ली. ब्रिटेन के बाद बहरीन दुनिया का ऐसा दूसरा देश बन गया है जिसने अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की ज्वॉइंट कोरोनावायरस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। नेशनल हेल्थ रेग्युलेट्री अथॉरिटी के सीईओ मरियम अल-जलहमा ने कहा, फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन के मंजूरी से देश में कोरोना के खिलाफ एक और सफलता जुड़ गई है। यूके ने बुधवार को वैक्सीन को मंजूरी दी थी, जिसके मुताबिक, सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन देने की बात कही गई थी।
गुप्त रखी गई हैं कई जानकारियां
हालांकि, बहरीन ने यह नहीं बताया कि उसने टीके की कितनी खुराक खरीदी है और टीकाकरण कब शुरू होगा। एसोसिएटेड प्रेस के सवाल का भी बहरीन की प्राधिकारियों ने तत्काल कोई जवाब नहीं दिया। बाद में फाइजर ने बताया कि बहरीन को टीके की आपूर्ति और खुराकों की संख्या सहित बिक्री का समझौता गुप्त है और विस्तृत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया
बहरीन में 87,000 केस, 341 मौत
बहरीन ने अब तक कोरोनोवायरस के 87,000 से अधिक मामलों आए हैं। वायरस के कारण 341 मौतें हुई हैं। बहरीन में वैक्सीन को रखना एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखना होगा। बहरीन में आमतौर पर गर्मियों में 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान रहता है।
भारत में आने की संभावना कम
फाइजर वैक्सीन को भारत में आने की उम्मीद कम है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन को स्टोर करने के लिए स्टैंडर्ड टेम्परेचर 2 से 8 डिग्री सेल्सियस चाहिए होता है। फाइजर वैक्सीन पैक होने से लेकर इंजेक्ट होने तक उसे माइनस 70 डिग्री पर रखना जरूरी है। इसलिए भारत में लाना एक बड़ी चुनौती है। फाइजर और बायोएनटेक की ज्वॉइंट कोरोना वैक्सीन फेज-3 ट्रायल में 95% असरदार साबित हुई थी।