सार
अफगानिस्तान में जबसे तालिबान का कब्जा हुआ है, तबसे वहां बेगुनाह लोगों पर होने वाले बम धमाके काफी बढ़ गए हैं। 30 नवंबर यानी बुधवार दोपहर को अफगानिस्तान के समांगन प्रांत के ऐबक शहर में जाहदिया मदरसे में बम विस्फोट हुआ। इस धमाके में 9 से 15 साल की उम्र के 27 बच्चों की जान चली गई।
Afghanishtan Bomb Blast: अफगानिस्तान में जबसे तालिबान का कब्जा हुआ है, तबसे वहां बेगुनाह लोगों पर होने वाले बम धमाके काफी बढ़ गए हैं। 30 नवंबर यानी बुधवार दोपहर को अफगानिस्तान के समांगन प्रांत के ऐबक शहर में जाहदिया मदरसे में बम विस्फोट हुआ। इस धमाके में 9 से 15 साल की उम्र के 27 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बता दें कि यह बम विस्फोट दोपहर की नमाज के बाद करीब 1.30 बजे हुआ। बता दें कि पिछले चार महीनों में अफगानिस्तान में 6 बड़े बम धमाके हो चुके हैं, जिनमें 181 लोगों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि अगस्त, 2021 के बाद से अफगानिस्तान पूरी तरह से तालिबान के कब्जे में है। एक तरफ तालिबान देश में शांति के दावे करता है, लेकिन उसके आने के बाद अफगानिस्तान में बम धमाकों की संख्या काफी बढ़ गई है। कुछ दिनों पहले भी यहां एक मोर्टार फटने की वजह से दो बच्चों की जान चली गई थी। इससे पहले सितंबर, 2022 में भी काबुल के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में हुए बम धमाके में 100 से ज्यादा स्टूडेंट मारे गए थे।
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At least 27 students (aged 9-15 years old) were killed and 30 others wounded in a bombing at a religious school in Afghanistan’s Samangan province.
— Shabnam Nasimi (@NasimiShabnam) November 30, 2022
A new generation is being slaughtered and destroyed once again. Gut-wrenching.pic.twitter.com/aWzi88WFpG
पिछले 4 महीनों में 5 बड़े बम धमाके :
तालिबान का राज आने के बाद पिछले चार महीनों में अफगानिस्तान की अलग-अलग जगहों पर 5 बम धमाके हुए हैं, जिनमें 181 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं।
17 अगस्त :
कहां - काबुल की मस्जिद
मौतें - 20
राजधानी काबुल में 17 अगस्त को एक मस्जिद में धमाका हुआ, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी। 40 लोग घायल हुए थे। हमला काबुल के खैरखाना इलाके में 'अबूबकिर सेदिक' मस्जिद में मगरिब की नमाज के दौरान हुआ था। ब्लास्ट में मस्जिद के मौलवी आमिर मोहम्मद काबुली की भी मौत हुई थी। घायलों में 5 बच्चे भी शामिल थे।
2 सितंबर :
कहां - हेरात की गुजरगाह मस्जिद
मौतें - 14
2 सितंबर को आफगानिस्तान के हेरात प्रांत की गुजरगाह मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद बम विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई थी। 200 लोग घायल हुए थे। धमाके में मस्जिद के इमाम मौलवी मुजीब रहमान अंसारी की मौत भी हो गई थी। अंसारी तालिबान से जुड़े प्रमुख धार्मिक नेताओं में से एक थे। मौलवी मुजीब रहमान अंसारी को तालिबान का करीबी और एक कट्टरपंथी मौलवी माना जाता था। हेरात के गर्वनर ने अपने इस बयान में इसे भी आत्मघाती हमला बताया था।
6 सितंबर :
कहां - रूसी एम्बेसी
मौतें - 20
काबुल के दारुल अमन इलाके में रूसी एम्बेसी के बाहर फिदायीन हमले में 2 रूसी अधिकारियों समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी। ये भी एक आत्मघाती हमला था। धमाके के दौरान कुछ अफगानी नागरिक वीजा बनवाने के लिए रूसी ऐंबेसी के बाहर पहुंचे थे। एम्बेसी में तैनात गार्ड ने बताया था एक संदिग्ध पर फायरिंग के तुरंत बाद उसने खुद को उड़ा दिया।
30 सितंबर :
कहां - काज कोचिंग सेंटर, काबुल
मौतें - 20
काबुल के एजुकेशन इंस्टीट्यूट में शुक्रवार को धमाका हुआ। अफगानिस्तान के एक जर्नलिस्ट बिलाल सरवरी ने 100 स्टूडेंट्स की मौत का दावा किया है। सरवरी के मुताबिक, तालिबान ने हॉस्पिटल के मालिक को धमकी दी है कि वो कोई भी जानकारी मीडिया को लीक न करे।
30 नवंबर :
कहां - ऐबक (जाहिदिया मदरसा)
मौतें - 27 (अब तक)
अफगानिस्तान के समांगन प्रांत के ऐबक शहर में जाहदिया मदरसे में दोपहर की नमाज के बाद जबर्दस्त बम विस्फोट हुआ। इस धमाके में 9 से 15 साल की उम्र के 27 बच्चों की जान चली गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मरनेवालों का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है।
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