सार
दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है। इसी बीच कनाडा ने कोरोना वायरस की फाइजर वैक्सीन को 12-15 साल के बच्चों के लिए मंजूरी दी है। इसी के साथ कनाडा ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है। कनाडा में अब तक कोरोना वायरस के 12 लाख मामले सामने आए हैं।
कनाडा. दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है। इसी बीच कनाडा ने कोरोना वायरस की फाइजर वैक्सीन को 12-15 साल के बच्चों के लिए मंजूरी दी है। इसी के साथ कनाडा ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है। कनाडा में अब तक कोरोना वायरस के 12 लाख मामले सामने आए हैं। इनमें से 20% से भी कम 19 साल और उससे कम उम्र के लोग संक्रमित हुए हैं।
कनाडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह फैसला फाइजर वैक्सीन के बच्चों पर हुए तीन ट्रायल के नतीजे आने के बाद किया। मंत्रालय ने कहा, विभाग ने यह पाया है कि वैक्सीन बच्चों के लिए प्रभावी और सुरक्षित है। कनाडा पहले ही16 साल से अधिक के लोगों पर फाइजर वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है।
बच्चों पर असरदार है वैक्सीन- फाइजर
इससे पहले वैक्सीन निर्माता फाइजर-बायोएनटेक ने दावा किया था कि उनका टीका 12 से 15 साल के बच्चों पर भी असरदार है। इतना ही नहीं कंपनी ने कहा था कि उनकी वैक्सीन का बच्चों पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
100% असरदार है वैक्सीन
कंपनी ने कहा था कि अमेरिका में वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में 2,250 बच्चों को टीका लगाया गया था। कंपनी का दावा है कि बच्चों को वैक्सीन दिए जाने के बाद यह 100% असरदार रही। वैक्सीन के ट्रायल अक्टूबर 2020 में शुरू किए गए थे।
इस ट्रायल के दौरान भारतीय मूल के 12 साल के अभिनव ने भी कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। वे कोरोना वैक्सीन लेने वाले सबसे कम उम्र के बच्चों में शामिल हैं। उनके पिता डॉक्टर हैं और वैक्सीन ट्रायल में शामिल रहे हैं।
कोरोना से बच्चों को भी हो सकता है खतरा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस के स्ट्रेन में लगातार परिवर्तन हो रहा है। ऐसे में कोई ऐसा भी म्यूटेशन सामने आ सकता है, जिससे बच्चों को नुकसान पहुंचे। ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि भले ही अभी बच्चों में कोरोना के मामले ज्यादा ना आए हों, लेकिन उन्हें तेजी से वैक्सीन देने की जरूरत है।