सार
1959 के तिब्बती विद्रोह के बाद जब भारत ने दलाई लामा को शरण दी तो चीन ने भारत के खिलाफ जैसे मोर्चा ही खोल दिया
नई दिल्ली. भारत चीन सीमा विवाद ने युद्ध का रूप लिया नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (भाषा) भारत और चीन के बीच सीमा विवाद तो खासा पुराना है, लेकिन 1959 के तिब्बती विद्रोह के बाद जब भारत ने दलाई लामा को शरण दी तो चीन ने भारत के खिलाफ जैसे मोर्चा ही खोल दिया, तो इसकी परिणिति 20 अक्टूबर 1962 को दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध के रूप में हुई।
चीन की सेना ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ हमले शुरू किये। दुर्गम और बर्फ से ढकी पहाड़ियों का इलाका होने के कारण भारत ने वहां जरूरत भर के सैनिक तैनात किए थे, जबकि चीन पूरे लाव लश्कर के साथ जंग के मैदान में उतरा था, लिहाजा यह युद्ध भारतीय सेना के लिए एक टीस बनकर रह गया।
देश दुनिया के इतिहास में 20 अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1568 : मुगल सम्राट अकबर ने चित्तौड़गढ़ पर हमला किया।
1921 : फ्रांस और तुर्की के बीच अंकारा संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
1962 : सीमा को लेकर चल रहे लंबे विवाद के बाद भारत और चीन के बीच युद्ध की शुरुआत।
1973 : ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस को जनता के लिए खोला गया। डेनमार्क के एक वास्तुशिल्पी ने इसका डिजाइन तैयार किया था। इसका उद्घाटन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने किया था।
1973 : दलाई लामा ब्रिटेन की पहली यात्रा पर पहुंचे। 1973 : वाटरगेट जांच के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड एम निक्सन ने विशेष अभियोजक आर्चिबाल्ड कोक्स को पद से हटाया, जिसके बाद अटार्नी जनरल एलियट रिचर्डसन और डिप्टी अटार्नी जनरल विलियम डी रूकेलशॉस ने इस्तीफा दे दिया। इसे न्याय विभाग के अधिकारियों का ‘‘सैटरडे नाइट मैसेकर’’ कहा जाता है।
1983 : ग्रेनाडा के प्रधानमंत्री की हत्या। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सेना के कट्टरपंथियों की बगावत में प्रधानमंत्री और उनके साथ साथियों को मौत के घाट उतार दिया गया।
2002 : दुनिया की सबसे गहरी पाइप लाइन ब्लू स्ट्रीम को तुर्की में खोला गया और प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिए इसका इस्तेमाल शुरू हुआ।
2011 : लीबिया पर 40 साल तक बेखौफ शासन करने वाले तानाशाह मुअम्मर कज्जाफी अन्तरराष्ट्रीय सेना की सहायता से हुई बगावत में बागी सैनिकों के हाथों मारा गया।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)