सार
वर्ल्ड डेस्क। चीन ने J-35A नाम के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट को सार्वजनिक किया है। इसे ‘मध्यम आकार का स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर’ बताया गया है। यह दिखने में अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के F-35A जैसा है। आइए जानते हैं यह दुनिया के सबसे एडवांस मल्टीरोल फाइटर जेट F-35A और रूस के SU-57 के मुकाबले कैसा है?
J-35A के बारे में क्या जानती है दुनिया?
J-35A विमान J-35 का वैरिएंट है। इसे चीन के विमानवाहक पोत से ऑपरेट होने के लिए डिजाइन किया गया है। यूरेशियन टाइम्स के अनुसार J-35A को इसके कॉकपिट लेआउट और कैनोपी के मामले में F-35A जैसा बनाया गया है। इसके पायलट को बेहतर दिखाई देता है। इसमें दो इंजन लगे हैं। विमान वाहक पोत से ऑपरेट हो सके इसके लिए F-35A में मजबूत लैंडिंग गियर और फोल्डेबल आउटर-विंग पैनल हैं। इसमें एडवांस एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन एरे (AESA) रडार लगा है।
J-35 और J-35A का डिजाइन और निर्माण शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा किया गया है। यह चीन की सरकारी कंपनी एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन की एक इकाई है। J-35 और J-35A चीन के दूसरे स्टील्थ फाइटर जेट J-20 से आकार में काफी छोटा है।
J-35 कार्यक्रम चीन के J-31 लड़ाकू विमान पर आधारित है। इसे 2014 में झुहाई शो में दिखाया गया था। चीन की सेना ने कभी J-31 विमान इस्तेमाल नहीं किया। इसे दूसरे देश को बेचा भी नहीं गया। जे-31 के पहली उड़ान भरने के 10 साल से अधिक समय बाद J-35 आकाश में नजर आया। इसके बाद भी सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि इसके स्टील्थ फीचर के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की गई है।
सिंगापुर में एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के कोलिन कोह ने कहा, "चीनी सेना के टेक्नोलॉजी विकास के इर्द-गिर्द बने ब्लैक बॉक्स के कारण, हम जे-35 के प्रदर्शन के बारे में बहुत अधिक निश्चित नहीं हैं।"
चीन अच्छा प्रदर्शन करने वाले टर्बोफैन जेट इंजन के डिजाइन के लिए संघर्ष कर रहा है। यह अपने घरेलू लड़ाकू विमानों के शुरुआती वर्जन के लिए रूसी टेक्नोलॉजी पर निर्भर है। विश्लेषकों का कहना है कि J-31 में चीनी डिजाइन वाला WS-13 इंजन इस्तेमाल किया गया है। J-35A में अधिक उन्नत WS-19 इंजन लगाया जा सकता है। यह संभावित रूप से 10 प्रतिशत अधिक शक्तिशाली है।
एडवांस लड़ाकू विमानों के लिए इंजन तकनीक महत्वपूर्ण है। अच्छे इंजन से रेंज, हथियार ले जाने की क्षमता और रफ्तार जैसी खासियत बेहतर होती है। ग्रिफिथ एशिया इंस्टीट्यूट के रक्षा और विमानन विशेषज्ञ पीटर लेटन ने कहा, "चीन के एयर शो से विमान के एयरफ्रेम के आकार के अलावा किसी और चीज के बारे में कभी भी निश्चित नहीं रहा जा सकता है। किस इंजन का इस्तेमाल किया गया इसपर हमेशा से सवाल रहा है।"
शेनयांग एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ विशेषज्ञ वांग योंगकिंग ने बताया कि J-35A चीन की एयर पावर में "पॉइंट गार्ड" की भूमिका निभाता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे अमेरिकी सेना में F-35ए "क्वार्टरबैक" की भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि J-35A स्टेल्थ और काउंटर-स्टेल्थ दोनों ही लड़ाकू ढांचों में काम करता है। इसका इस्तेमाल दुश्मन के लड़ाकू विमानों को खत्म करने और हवाई बमबारी जैसे कई काम के लिए हो सकता है।
अमेरिका के F-35A और रूस के SU-57 से किस प्रकार मेल खाता है J-35A?
J-35A सतही तौर पर F-35A के समान दिखता है। इसका आकार, धड़ से लेकर कंट्रोल सरफेस तक, इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि रडार पर न्यूनतम आकार का दिखाई दे। यह पता नहीं है कि क्या J-35 मॉडल में विशेष रडार-अवशोषक कोटिंग्स हैं, जैसा कि F-35ए में है? क्या उनमें ऐसी संचार और रडार प्रणालियां हैं, जिनका पता लगाना कठिन है?
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान F-35A को दुनिया का सबसे एडवांस मल्टीरोल फाइटर जेट माना जाता है। इसके विकास में 9 देश (अमेरिका, UK, इटली, नीदरलैंड, तुर्की, कनाडा, डेनमार्क, नॉर्वे और ऑस्ट्रेलिया) शामिल थे। F-35A एक इंजन और एक सीट वाला लड़ाकू विमान है।
इसमें प्रैट एंड व्हिटनी एफ135 इंजन लगा है। यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट इंजन है। यह विमान को अधिकतम मैक 1.6 (1908km/h) की रफ्तार देता है। विमान के अंदर हथियार और इंधन रखने की व्यवस्था है। यह लम्बी दूरी तक मार करने वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है।
F-35A के इलेक्ट्रॉनिक सेंसर में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल डिस्ट्रिब्यूटेड अपर्चर सिस्टम (डीएएस) शामिल है। इसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टार्गेटिंग सिस्टम (ईओटीएस) लगा है।
यूरेशियन टाइम्स के अनुसार रूस का SU-57 (जिसे ‘फेलॉन’ के नाम से भी जाना जाता है) उसका सबसे उन्नत फ्रंट-लाइन विमान है। SU-57 हवाई लड़ाई कर सकता है। इससे जमीन और पानी पर मौजूद टारगेट को खत्म किया जा सकता है। इसमें सबसे एडवांस ऑनबोर्ड रेडियो-इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हैं। इसमें एक शक्तिशाली ऑनबोर्ड कंप्यूटर लगा है। इसे इलेक्ट्रॉनिक सेकंड पायलट के रूप में जाना जाता है।
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