सार
चीन-लाओस (China-Laos) के बीच रेललाइन की जल्द शुरूआत होने वाली है। चीन ने इसे बनाने में करीब 44230 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
बीजिंग। चीन (China) अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में लगातार काम कर रहा है। वह सड़क और रेल मार्गों से भी दुनिया के देशों को जोड़ने में जुटा हुआ है। चीन-लाओस (China-Laos) के बीच रेललाइन की जल्द शुरूआत होने वाली है। चीन ने इसे बनाने में करीब 44230 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। एक हजार किलोमीटर से अधिक इस रेल लाइन को अगले हफ्ते कार्गो के लिए खोला जा रहा है। कोविड-19 लहर की वजह से अभी यह रूट आम आदमी के लिए नहीं खोला गया है।
लाओस में इन कंपनियों की है हिस्सेदारी
लाओस में कुनमिंग-वियनतियाने रेलवे के 418 किलोमीटर खंड का संचालन लाओस-चीन रेलवे कंपनी द्वारा किया जाएगा जिसकी 70 फीसद हिस्सेदारी है। बाकी के 30 फीसद हिस्सेदारी लाओटियन राज्य की कंपनी की है। इस पूरे ट्रैक में 167 टनल बनाए गए हैं। इस ट्रैक के चालू हो जाने से ट्रांसपोर्टेशन टाइम में करीब 8 घंटे की बचत हो सकती है।
दोनों देशों के राष्ट्रपति करेंगे उद्घाटन
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Zinping) और लाओस (Laos) के राष्ट्रपति थोंगलोउन सिसोलिथ 3 दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए 1035 किलोमीटर लंबे इस रूट की शुरुआत करेंगे।
इन देशों को इस नेटवर्क से जोड़ने की योजना
कुनमिंग-वियनतियाने रेलवे के जरिए चीन की थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार, मलेशिया और सिंगापुर से जोड़ने की भविष्य की एक योजना है। इसके लिए वह नेटवर्क की एक कड़ी तैयार कर रहा है। इससे दक्षिणी चीन को बंदरगाह और निर्यात बाजार तक अधिक पहुंच मिलेगी। इस ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन चल सकती हैं।
लाओस में 21 रेलवे स्टेशन बनाए गए
वाशिंगटन (Washington) में सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट (Centre for Global Development) के स्कॉट मॉरिस ने बताया है कि लाओस में 21 स्टेशन बनाए गए हैं। इन स्टेशन को चीनी जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है ताकि जल्दी से विदेशी पोर्ट तक पहुंचा जा सके। ये स्टेशन ग्रामीण लाओस के किसानों को बाजार से जोड़ देंगे। वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन-लाओस रेलवे के शुरू होने से लाओस के कुल राजस्व में 21 फीसद की बढ़ोतरी संभव है। चीन थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से लाओस की सीमा पर उत्तरपूर्वी शहर नोंग खई तक भी एक हाई-स्पीड रेल लाइन बना रहा है। इसे 2028 तक पूरा किए जाने की उम्मीद है।
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