सार
गलवान घाटी में झड़प के 21 दिन बाद चीन एलएसी पर 2 किलोमीटर पीछे हट गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 जून को दोनों देशों के आर्मी अफसरों के पीछे हटने पर सहमति बनी थी। 15 जून को भारत चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के भी 42 सैनिकों की जान चली गई।
नई दिल्ली. गलवान घाटी में झड़प के 21 दिन बाद चीन एलएसी पर 2 किलोमीटर पीछे हट गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 जून को दोनों देशों के आर्मी अफसरों के पीछे हटने पर सहमति बनी थी। 15 जून को भारत चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के भी 42 सैनिकों की जान चली गई।
चीनी सेना ने टेंट, वाहन और सैनिक हटे पीछे
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कॉर्प्स कमांडर लेवल की बातचीत में जिन जगहों पर डिसएंगेजमेंट की सहमति बनी थी, वहां से चीनी सेना ने टेंट, वाहनों और सैनिकों को 1-2 किलोमीटर पीछे हटा लिया है। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, हथियारों से लैस गाड़ियां अभी भी गलवान नदी क्षेत्र में गहराई वाले क्षेत्रों में मौजूद हैं, जिसपर भारतीय सेना लगातार नजर बनाए हुए है।
मोदी की लेह यात्रा से गया बड़ा संदेश
गलवान में भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हटना शुरू हो गए हैं। यह पिछले 48 घंटों में गहन कूटनीतिक, सैन्य इंगेजमेंट और संपर्कों का नतीजा है। जानकारी का इंतजार है। इन बैठकों के बाद प्रधानमंत्री मोदी की लेह यात्रा हुई, जिससे एक निर्णायक और दृढ़ संदेश भेजा गया।