सार

पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में है। महामारी के चलते कई देश महंगाई और बेरोजगारी के जूझ रहे हैं। ऐसा ही हाल ब्राजील का है। यहां कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना हजारों लोगों की मौत हो रही है। सोमवार को कोरोना से 1480 लोगों ने दम तोड़ा। आलम ये हैं कि कब्रिस्तानों में लाशें दफन करने की जगह नहीं बची। वहीं, दूसरी ओर महामारी से बने हालातों के चलते करीब 2 करोड़ लोग भूख से जूझ रहे हैं। 

ब्राजीलिया. पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में है। महामारी के चलते कई देश महंगाई और बेरोजगारी के जूझ रहे हैं। ऐसा ही हाल ब्राजील का है। यहां कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना हजारों लोगों की मौत हो रही है। सोमवार को कोरोना से 1480 लोगों ने दम तोड़ा। आलम ये हैं कि कब्रिस्तानों में लाशें दफन करने की जगह नहीं बची। वहीं, दूसरी ओर महामारी से बने हालातों के चलते करीब 2 करोड़ लोग भूख से जूझ रहे हैं। 

ब्राजील के खाद्य संप्रभुता और पोषण सुरक्षा अनुसंधान नेटवर्क की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब 2 करोड़ लोग भूख से जूझ रहे हैं। वहीं, 21.1 करोड़ की आबादी वाले इस देश में लगभग आधे लोगों को एक वक्त का भोजन भी नहीं मिल पा रहा है।
 
गांवों में हालत खराब
रिपोर्ट के मुताबिक, शहरों में लोग सड़कों पर निकलकर खाना मांगने के लिए मजबूर हैं। लेकिन गांवों में हालात बहुत खराब हैं। क्योंकि यहां खाना देने वाली संस्थाएं या लोग भी मौजूद नहीं हैं। 
 
महंगाई हुई बेकाबू
कोरोना के चलते ब्राजील में बेरोजगारी बढ़ गई है। इतना ही नहीं महंगाई के चलते जरूरी चीजों के दाम बढ़ गए हैं। बताया जा रहा है कि एक साल में देश में चावल के दाम 70% और घरेलू गैस के 20% तक बढ़े हैं।
 
क्या है कोरोना की स्थिति?
ब्राजील में कोरोना के चलते 1480 लोगों की मौत हुई। यहां अब तक 1.35 करोड़ से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। इतना ही नहीं, 3.54 लाख लोगों की कोरोना के चलते मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ब्राजील की सीनेट ने एक स्पेशल कमेटी बनाने का फैसला किया है। यह कमेटी जांच करेगी कि सरकार ने किस तरह से महामारी के खिलाफ काम किया।