सार

कोरोनावायरस घातक विषाणु से चीन में 80 लोगों की जान जा चुकी है और 2,700 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं।

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच के लिए चार चीनी नागरिकों समेत  पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है।

निमोनिया जैसी बीमारी के लिए जिम्मेदार इस नये घातक विषाणु से चीन में 80 लोगों की जान जा चुकी है और 2,700 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं।

नमूनों को पुष्टि के लिए हांग कांग भेजा गया 

'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से खबर दी कि मुल्तान से दो नमूनों को पुष्टि के लिए हांग कांग भेजा गया है क्योंकि पाकिस्तान की एक भी प्रयोगशाला इस बीमारी का पता लगाने में सक्षम नहीं है। खबर में बताया गया कि मुल्तान के दो मरीजों में से एक पाकिस्तानी नागरिक है।

मेजर जनरल डॉ आमिर इकरम ने कहा 

शनिवार को, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के प्रमुख मेजर जनरल डॉ आमिर इकरम ने कहा था कि एक चीनी नागरिक को मुल्तान के अस्पताल में भर्ती कराया गया और फ्लू, कफ तथा बुखार जैसे बीमारी के अन्य लक्षण नजर आने के बाद उसे एक अलग वार्ड में रखा गया।

खबर में कहा गया कि जांच परिणाम कुछ दिनों में आने की उम्मीद है।

चीनी नागरिक चीन से दुबई गया था 

सूत्रों के मुताबिक, चीनी नागरिक चीन से दुबई गया था और 21 जनवरी को कराची पहुंचा था। कराची उतरने के बाद वह विमान से मुल्तान गया था। लाहौर में भी चीन के तीन नागरिकों को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उन्हें शनिवार को अलग-अलग वार्ड में रखा गया।

मरीज चीन के वुहान शहर के रहने वाले हैं 

अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, ये मरीज चीन के वुहान शहर के रहने वाले हैं और हाल में ही लाहौर पहुंचे थे। इस बीच, विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि वुहान और चीन के अन्य हिस्सों में सभी पाकिस्तानी सुरक्षित हैं।

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया समेत पूरे विश्व में फैल गया

आधिकारिक तौर पर 2019-एनसीओवी कहलाने वाले कोरोनावयरस के बारे में सबसे पहले हुबेई प्रांत के राजधानी शहर वुहान में पता चला था और यह पूरे चीन में तथा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया समेत पूरे विश्व में फैल गया।

चीन से हर हफ्ते 41 विमान पाकिस्तान आते हैं जो ज्यादातर चीनी नागरिकों को लाते ले जाते हैं।

सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम जैसी बीमारी फैलाता है

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में परियोजनाओं पर काम कर रहे हजारों चीनी नागरिक नियमित तौर पर दोनों देश की यात्रा करते हैं जिससे उनसे इस बीमारी के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

कोरोनावायरस को लेकर चिंता इसलिए बढ़ी हुई है क्योंकि वह सार्स (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) जैसी बीमारी फैलाता है। सार्स के चलते 2002-03 के दौरान चीन में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)