सार

उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग(Kim Jong-Supreme Leader of North Korea) ने कोरोना के मामले सामने आने के बाद देशव्यापी लॉकडाउन( nationwide Covid lockdowns) का ऐलान कर दिया है। देश में पहला कोविड-19 का केस सामने आया है। सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने गुरुवार को बताया कि राजधानी प्योंगयांग(capital Pyongyang) में ओमिक्रॉन संस्करण( Omicron variant) के मामले पाए गए हैं।

वर्ल्ड न्यूज डेस्क. चीन और उत्तर कोरिया(China and North Korea) दुनिया के दो ऐसे देश रहे हैं, जिन्होंने कभी अपने देश में कोरोना संक्रमण का डेटा शेयर नहीं किया। लेकिन फिर चीन को कोरोना से निपटने अपने देश में कठोर लॉकडाउन लगाना पड़ा। अब यही हाल उत्तर कोरिया का हुआ है। देश में कोविड-19 का पहला केस आने से ही उत्तर कोरिया में हड़कंप मच गया है। उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग(Kim Jong-Supreme Leader of North Korea) ने कोरोना के मामले सामने आने के बाद देशव्यापी लॉकडाउन( nationwide Covid lockdowns) का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को किम जोंग उन ने सभी शहरों में लॉकडाउन का आदेश दिया है। 

किम जोंग ने खाई कोरोना को हराने की सौगंध
राज्य मीडिया के अनुसार, उत्तर कोरिया ने कोविड-19 के अपने पहले मामले की पहचान की है, इस स्थिति को प्रमुख राष्ट्रीय आपातकाल(major national emergency) कहा है। इसके साथ ही किम जोंग ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर देश में  लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। यह स्पष्ट नहीं है कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं, सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने गुरुवार को बताया कि राजधानी प्योंगयांग(capital Pyongyang) में ओमिक्रॉन संस्करण( Omicron variant) के मामले पाए गए हैं। 8 मई को बुखार आने पर लोगों के एक समूह से लिए गए नमूने अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रोन पॉजिटिव निकले।

उत्तर कोरिया ने कभी नहीं माना कि उसके यहां कोरोना है
उत्तर कोरिया ने पहले किसी भी कोरोनावायरस मामलों को स्वीकार नहीं किया था। हालांकि कुछ लोगों का तर्क रहा है कि लगभग 25 मिलियन लोगों का देश एक ऐसे वायरस से बच गया है, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया है। किम ने देश के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो( powerful politburo) की एक बैठक की भी अध्यक्षता की, जो "अधिकतम" आपातकालीन महामारी विरोधी उपायों को लागू करने पर सहमत हुई। हालांकि इस मामले में नाकाम साबित होने के लिए देश के महामारी विरोधी क्षेत्र(anti-epidemic sector) की आलोचना करते हुए यह भी कहा गया कि यह पड़ोसी क्षेत्रों सहित दुनिया भर में कोविड-19 मामलों के बढ़ने के बावजूद "संवेदनशील रूप से प्रतिक्रिया देने में विफल रहा है। अब तक यही कहा जाता रहा है कि उत्तर कोरिया आज तक कठोर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के बदौलत कोविड-19 मामले से बचने में कामयाब रहा है। उत्तर कोरिया की सीमाओं को जनवरी 2020 से सील कर दिया गया था, ताकि वायरस को दूर रखा जा सके। 

चीन में कोरोना की सुनामी का खतरा
इस बीच चीन में कोरोना की 'सुनामी' आने का अंदेशा जताया गया है। चीन की फूडान यूनिवर्सिटी की स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि अगर  चीन में कोविड प्रतिबंधों में ढील दी गई, तो जुलाई तक 16 लाख मौतों की आशंका है। बता दें कि चीन में सबसे खराब हालात शंघाई के हैं। यहां 6 हफ्ते से सख्त लॉकडाउन लगे रहने से लोग परेशान हैं। यहां 25 करोड़ से ज्यादा लोग लॉकडाउन में हैं। जबकि पूरे चीन में करीब 40 करोड़ लोग किसी न किसी पाबंदी में हैं।

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