सार
अमेरिका में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना के इस्तेमाल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अलग-थलग पड़ गए हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना उतारने की धमकी दी थी। इसके बाद से व्हाइट हाउस और रक्षा विभाग पेंटागन के बीच तनातनी की खबरें आ रही हैं।
वॉशिंगटन. अमेरिका में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना के इस्तेमाल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अलग-थलग पड़ गए हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना उतारने की धमकी दी थी। इसके बाद से व्हाइट हाउस और रक्षा विभाग पेंटागन के बीच तनातनी की खबरें आ रही हैं। ट्रम्प के बयान के खिलाफ पेंटागन के सलाहकार जेम्स जूनियर मिलर ने इस्तीफा दे दिया। रक्षा मंत्री एस्पर भी ट्रम्प के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
कब शुरू हुआ पेंटागन और व्हाइट हाउस के बीच मतभेद?
दरअसल, ट्रम्प चर्च जाकर फोटो खिंचवाना चाहते थे, लेकिन व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शनकारियों शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें हटाने के लिए रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इससे दुखी होकर जेम्स जूनियर मिलर ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से ही पेंटागन और व्हाइट हाउस के बीच मतभेद है।
विद्रोही कानून लागू करने पर असहमति
इस घटना के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी ट्रम्प के विरोध में आ गए। उन्होंने पेंटागन में कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ विद्रोही कानून लागू करना गलत है। बता दें कि इस कानून के लागू होने पर ट्रम्प प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल कर पाते।
ट्रम्प के कार्यकाल के दूसरी बार पेंटागन और व्हाइट हाउस में खींचतान
ट्रम्प के कार्यकाल में यह दूसरी बार है जब पेंटागन और व्हाइट हाउस के बीच खींचतान की खबर आई है। इससे पहले 2018 में रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने ट्रम्प से असहमति जताते हुए इस्तीफा दे दिया था। तब सीरिया में सैनिकों की तैनाती का मामला था।
अमेरिका में क्यों हो रहा है प्रदर्शन?
25 मई को पुलिस को जानकारी मिलती है कि फ्लॉयड नाम के एक शख्स ने ग्रॉसरी स्टोर पर 20 डॉलर का नकली नोट दिया। इसके बाद पुलिस उसे गाड़ी में बैठाने की कोशिश करते हैं। लेकिन फ्लॉयड जमीन पर गिर जाता है। पुलिस उसे हथकड़ी पहनाती है। लेकिन पुलिस से फ्लॉयड की झड़प कहां से शुरू होती है, ये वीडियो में नहीं दिखता। डेरेक चौविन नाम का पुलिस अफसर फ्लॉयड के गर्दन पर घुटना रखकर दबाता है। इसके बाद फ्लॉयड की मौत हो जाती है। इसके बाद ही अमेरिका में करीब 140 शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गया।