सार
इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) के स्पेसएक्स (SpaceX) को नासा (NASA) ने चांद पर एस्ट्रोनॉट्स को ले जाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। इस दौड़ में दुनिया के सबसे अमीर शख्स अमेजन के जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की स्पेस कंपनी ब्ल्यू ओरिजिन (Blue Origin) भी शामिल थी।
इंटरनेशनल डेस्क। इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला (Tesla) के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) के स्पेसएक्स (SpaceX) को नासा (NASA) ने चांद पर एस्ट्रोनॉट्स को ले जाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। इस दौड़ में दुनिया के सबसे अमीर शख्स अमेजन के जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की स्पेस कंपनी ब्ल्यू ओरिजिन (Blue Origin) भी शामिल थी। बता दें कि अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो 1972 के बाद पहली बार चांद की सतह पर लोग कदम रखेंगे। इस योजना के 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
क्या है NASA का कार्यक्रम
नासा अपने अर्टेमिस प्रोग्राम के तहत चांद पर अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को भेजने की योजना पर काम कर रही है। यह चांद पर लोगों को भेजने की व्यावसायिक योजना है। इसके लिए पहला कमर्शियल ह्यूमन लैंडर एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स बनाएगी। इसके लिए नासा ने स्पेसएक्स के साथ 289 करोड़ डॉलर का करार किया है।
एलन मस्क ने किया ट्वीट
नासा के साथ इस समझौते के बाद एलन मस्क ने 'नासा रूल्स' नाम से एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि अपोलो प्रोग्राम के बाद पहली बार चांद पर इंसानों को भेजने के सिए नासा ने स्टारशिप को चुना है।
जेफ बेजोस की कंपनी रह गई पीछे
बता दें कि नासा के लिए स्पेसक्राफ्ट तैयार करने की होड़ में दुनिया के सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस की कंपनी ब्ल्यू ओरिजिन (Blue Origin) भी शामिल थी, लेकिन वह पीछे रह गई। इसके लिए एलन मस्क ने अकेले बोली लगाई थी, वहीं बेजोस की कंपनी ने लॉकहीड मार्टिन, नार्थ्रोप ग्रूमैन कॉरपोरेषन और ड्रेपर डाइनेटिक्स के साथ मिलकर बिड में बोली लगाई थी।
करना होगा पहले टेस्ट फ्लाइट
बता दें कि स्पेसएक्स को एस्ट्रोनॉट्स को चांद पर ले जाने के पहले लैंडर का एक फ्लाइट टेस्ट करना होगा। इसके बारे में जानकारी नासा की वेबसाइट पर दी गई है। जानकारी के मुताबिक, नासा का लॉन्चिंग सिस्टम चांद की कक्षा में ओरिओन स्पेसक्राफ्ट को भेजेगा, जिसमें 4 एस्ट्रोनॉट्स रहेंगे। वहां 2 क्रू मेंबर्स को स्पेसएक्स ह्यूमन लैंडिग सिस्टम में भेजा जाएगा। इसके बाद चांद की धरती पर कदम रखने के बाद वे वापस लैंडर पर आएंगे और कक्षा में ओरिओन पर लौटेंगे। इसके बाद अगला कदम धरती पर वापस उतरना होगा।