सार

दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा जूझ रहे अमेरिका में इस घातक वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फाइजर वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। 

वाशिंगटन. दुनिया में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा जूझ रहे अमेरिका में इस घातक वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फाइजर वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रिपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका में 24 घंटे से भी कम समय में वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। 

अमेरिका में कोरोना महामारी से दो लाख 95 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने संयुक्त रूप से वैक्सीन विकसित की है। कंपनी का दावा है कि उसकी वैक्सीन 95 फीसद कारगर है। इसकी वैक्सीन को ब्रिटेन, बहरीन, सऊदी अरब और कनाडा में मंजूरी मिल चुकी है। ब्रिटेन में गत मंगलवार से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया।

16 वर्ष से अधिक लोगों को दिया जाएगा टीका 
एफडीए ने कहा कि टीका 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकता है।  2.9 मिलियन खुराक के पहले चरण में प्रमुखतौर पर स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्ग लोगों को टीका लगाया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन का उत्पादन करने वाला अमेरिका दुनिया का पहला देश है। आज की उपलब्धि अमेरिका की असीमित क्षमता की याद दिलाती है। ट्रंप ने यह भी कहा कि हमने केवल नौ महीनों में एक सुरक्षित और प्रभावी टीका दिया है। यह इतिहास की सबसे बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक है। यह लाखों लोगों की जान बचाएगा और जल्द ही महामारी को खत्म करेगा। उन्हें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि यह टीका सभी अमेरिकियों के लिए मुफ्त होगा। उन्होंने आगे कहा कि उनके प्रशासन ने देश में हर राज्य को वैक्सीन देना शुरू कर दिया है।

हैकरों के निशाने पर फाइजर वैक्सीन 
यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने बताया कि फाइजर की वैक्सीन हैकरों के निशाने पर है। साइबर हमले में इस वैक्सीन से जु़ड़े डाटा को निशाना बनाने का प्रयास किया गया था। एजेंसी ने बताया कि हाल ही में स्पुतनिक की वैक्सीन को भी निशाना बनाया गया। इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल डॉ. रेड्डीज की ओर से किया जा रहा है।