India–EU FTA: भारत–EU FTA को लेकर बातचीत तेज़ हो गई है। EU एम्बेसडर के अनुसार 23 में से 11 चैप्टर क्लोज़ हो चुके हैं और 2025 के आखिर तक समझौता पूरा करने के लिए दोनों तरफ से मज़बूत राजनीतिक प्रतिबद्धता है। EU की 40-सदस्यीय टीम दिल्ली पहुंच रही है। 

नई दिल्ली। भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India–EU FTA) कई सालों से चर्चा में है। इस समझौते से दोनों पक्षों के बीच व्यापार को नई गति मिल सकती है। मौजूदा समय में भारत–EU गुड्स ट्रेड करीब USD 136 बिलियन है, जो भारत के लिए US और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बनाता है। क्या यह बहुप्रतीक्षित India–EU FTA 2025 के आखिर तक वास्तव में फाइनल हो पाएगा? इसी पर यूरोपियन यूनियन के भारत में एम्बेसडर हर्वे डेल्फिन ने बड़ा अपडेट दिया है, जिससे इस समझौते को लेकर नई उम्मीद बढ़ गई है।

क्या 23 में से 11 चैप्टर क्लोज़ होना FTA के फाइनल साइन की गारंटी है?

एम्बेसडर डेल्फिन के अनुसार, 23 बातचीत वाले चैप्टर्स में से 11 पूरी तरह क्लोज़ हो चुके हैं। यानी आधे से ज़्यादा काम पूरा हो चुका है। अब जिन मुद्दों पर बातचीत बाकी है, वे सबसे कठिन और अहम हैं:

  • कार और स्टील सेक्टर में मार्केट एक्सेस
  • सर्विस सेक्टर के कुछ संवेदनशील पहलू
  • इन्वेस्टमेंट के नियम
  • ट्रेड में आने वाली टेक्निकल रुकावटें

फिर भी एम्बेसडर का दावा है कि “2025 के आखिर तक FTA बातचीत पूरी करने के लिए दोनों तरफ़ से मज़बूत पॉलिटिकल कमिटमेंट है।” यानी राजनीतिक इच्छा शक्ति मजबूत है, और यही सबसे बड़ा संकेतक है कि डील इस बार अटकने वाली नहीं लग रही।

क्या EU की 40-सदस्यीय टीम का दिल्ली आना डील की रफ्तार बढ़ाएगा?

एम्बेसडर डेल्फ़िन ने बताया कि EU की 40-सदस्यों की टॉप-लेवल टीम इस हफ्ते दिल्ली में होगी। यह टीम:

  • पुराने विवाद
  • टैरिफ बाधाएं
  • टेक्निकल अड़चनें
  • ऑटो और डेयरी जैसे लंबे समय से पेंडिंग मुद्दे 

इन सभी पर गहन बातचीत करेगी। उनका कहना है कि यह समझौता पूरी तरह “WTO-कम्पैटिबल” है यानी वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप है।

महत्वपूर्ण बात: उन्होंने इसे जीरो-सम गेम न बताते हुए कहा कि EU और भारत मिलकर दुनिया का 25% GDP बनाते हैं, इसलिए यह समझौता दोनों पक्षों के लिए बड़े फायदे लेकर आएगा।

क्या India–EU FTA भारत के ‘भविष्य के वर्ल्ड ऑर्डर’ में रोल को और मजबूत करेगा?

डेल्फ़िन के अनुसार, यूरोप भारत को सिर्फ एक मार्केट नहीं, बल्कि भविष्य के वैश्विक व्यवस्था का बनाने वाला देश मानता है।

इसलिए:

  • अधिक निवेश
  • मजबूत सप्लाई चेन
  • दीर्घकालिक स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप
  • ग्रीन टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रेड

इन सबको FTA के जरिये और बढ़ाया जाएगा। यह संकेत देता है कि EU इस डील को सिर्फ व्यापार के नजरिये से नहीं देख रहा—यह राजनीतिक और भू-रणनीतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।

क्या UK के साथ भारत का FTA, EU डील की राह आसान करेगा?

भारत और UK का CETA (India–UK Trade Agreement) पहले ही फाइनल हो चुका है और अब ब्रिटेन में संसदीय प्रक्रिया से गुजर रहा है।

इसके लागू होते ही:

  • टैरिफ कम होंगे
  • मार्केट एक्सेस बढ़ेगा
  • दोनों देशों का 44.1 बिलियन पाउंड का व्यापार और बढ़ेगा

विशेषज्ञों का मानना है कि UK डील के बाद, EU–India FTA को फाइनल करना तुलनात्मक रूप से आसान हो सकता है, क्योंकि कई समान नियम और टैरिफ पैटर्न पहले ही एडजस्ट हो चुके हैं।

क्या India–EU FTA 2025 में साइन होगा?

अब तक के जो संकेत मिल रहे हैं, उसके मुताबिक 11 चैप्टर क्लोज़, 40-सदस्यीय टीम का दिल्ली दौरा, मज़बूत राजनीतिक इच्छा शक्ति, EU का भारत पर बढ़ता भरोसा और UK FTA के बाद आसान ढांचा तैयार हो सकता है। ये सभी बताते हैं कि 2025 का अंत India–EU FTA के लिए सबसे संभावित टाइमलाइन दिख रहा है।