सार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरूवार को सार्क (SAARC) विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में बिना पाकिस्तान का नाम लिए आतंकवाद पर निशाना साधा है। इसमें जयशंकर ने सीमा पार से जारी आतंकवाद का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि सार्क के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां सीमापार से आतंकवाद, व्यापार में बाधा, कनेक्टिविटी में रुकावट हैं जिन्हें दूर करने के लिए सार्क देशों को कड़े फैसले लेने होंगे। CICA के एक जवाब में मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की जरूरत नहीं है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे।
नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरूवार को सार्क (SAARC) विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में बिना पाकिस्तान का नाम लिए आतंकवाद पर निशाना साधा है। इसमें जयशंकर ने सीमा पार से जारी आतंकवाद का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि सार्क के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां सीमापार से आतंकवाद, व्यापार में बाधा, कनेक्टिविटी में रुकावट हैं जिन्हें दूर करने के लिए सार्क देशों को कड़े फैसले लेने होंगे। सार्क की इस बैठक में भारत, चीन, पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के विदेश मंत्री उपस्थित रहे। उधर भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरेक्शन एंड कौनफीडेंन्स बिल्डिंग मेजर्स ईन एशिया (CICA) की वर्चुअल मीटिंग में अपना जवाब देते हुए पाकिस्तान को हिदायत दी है कि आगे से वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए ना करे। मंत्रालय ने जवाब में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे।
सार्क समूह की वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद की बुराई को परास्त करने के लिए हमें सामूहिक संकल्प की जरूरत है। ऐसे संकल्पों में हमारे साझा उद्देश्यों को हासिल करने में बाधा आती है इसलिए यह जरूरी है कि हम आतंकवाद को समर्थन और प्रोत्साहिन करने वाली ताकतों और आतंकवाद को परास्त करने के लिए सामूहिक संकल्प लें और साथ काम करे।
नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत भारत की पड़ोसियों के प्रति प्रतिबद्धता कायम
विदेश मंत्री ने कहा कि नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत भारत की प्रतिबद्धता कायम है और वह एक जुड़े, एकीकृत, सुरक्षित और समृद्ध दक्षिण एशिया को एक साथ देखना चाहता है। इसी कड़ी में भारत द्वारा मालदीव को 150 मिलियन अमेरिकी डालर, भूटान को 200 मिलियन अमेरिकी डालर और श्रीलंका को 400 मिलियन अमेरिकी डालर की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
पाकिस्तान की टिप्पणी CICA के सिद्धांतों का उल्लंघन
दरअसल पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले CICA की बैठक जम्मू कश्मीर के मुद्दे को उठाया था। इसी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को पाकिस्तान की टिप्पणी को भारत के आंतरिक मामलों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में हस्तक्षेप बताया है। भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है। यह टिप्पणी CICA के सितंबर 1999 के 'राज्यों के बीच बने संबंध सिद्धांतो' का भी उल्लंघन करती है। पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है और भारत में लगातार आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत बना हुआ है इसलिए हम उसे सलाह देते हैं कि वह भारत के खिलाफ अपने प्रायोजित आतंकवाद को बंद करे।