सार

इजरायल-हमास जंग पर संयुक्त राष्ट्र में जॉर्डन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर भारत ने मतदान नहीं किया। इसमें आतंकवादी समूह हमास का उल्लेख नहीं किया गया था।

 

न्यूयॉर्क। फिलिस्तीनी आंतकी संगठन हमास और इजरायल के बीच लड़ाई (Israel Hamas War) का शनिवार को 22वां दिन है। हर गुजरते दिन के साथ लड़ाई भीषण होती जा रही है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस संघर्ष को लेकर बहस जारी है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव लाया गया, जिसमें इजरायल-हमास लड़ाई में तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था ताकि गाजा पट्टी में मानवीय मदद पहुंचाई जा सके। भारत ने इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया। इसकी वजह प्रस्ताव में इजरायल पर हमास द्वारा किए गए हमले का जिक्र नहीं किया जाना था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप दूत योजना पटेल ने इजरायल में हुए आतंकी हमले पर दुख जताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है। पटेल ने बंधकों की तत्काल रिहाई का आह्वान किया और गाजा में चिंताजनक मानवीय स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत तनाव कम करने के प्रयासों का समर्थन करता है।

 

 

जॉर्डन ने पेश किया प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 193 सदस्य देश इजरायल हमास जंग को लेकर बुलाए गए 10वीं आपातकालीन विशेष सत्र में शामिल हुए। इस दौरान जॉर्डन द्वारा एक प्रस्ताव पेश किया गया। इसे बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था। प्रस्ताव पर मतदान हुआ तो भारत ने वोट नहीं देने का फैसला किया।

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120 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान नहीं किया। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके मतदान में अनुपस्थित रहे। जॉर्डन द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में आतंकवादी समूह हमास का उल्लेख नहीं किया गया था। अमेरिका ने इसपर नाराजगी व्यक्त की है।

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