सार
हसन नसरल्लाह ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हिजबुल्लाह का प्रमुख है। उसने हिजबुल्लाह को सबसे अधिक सैन्य ताकत वाला लड़ाकू समूह बनाया है। उसका जन्म 1960 में लेबनान के बेरूत में एक गरीब शिया परिवार में हुआ था।
वर्ल्ड डेस्क। पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हिजबुल्लाह के बीच लड़ाई चल रही है। हिजबुल्लाह का नेतृत्व हसन नसरल्लाह के हाथों में है। उसे क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली लोगों में गिना जाता है। नसरल्लाह ने 1992 से लेबनान में शक्तिशाली शिया उग्रवादी समूह और राजनीतिक दल हिजबुल्लाह का नेतृत्व किया है। उसके नेतृत्व में हिजबुल्लाह सबसे ताकतवर लड़ाकू समूह बनकर सामने आया है।
पिछले कुछ दिनों में हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच लड़ाई तेज हुई है। हिजबुल्लाह ने इजरायल पर तीन सौ से अधिक रॉकेट दागे। ड्रोन हमले किए। इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक लड़ाकू विमानों से भारी बमबारी की।
कौन हैं सैय्यद हसन नसरल्लाह?
सैय्यद हसन नसरल्लाह का जन्म 1960 में लेबनान के बेरूत में एक गरीब शिया परिवार में हुआ था। उसने इराक के नजफ में शिया मदरसों में पढ़ाई की। वह सैयद मूसा सद्र जैसे मौलवियों से प्रभावित हुआ। 1975 में शुरू हुए लेबनानी गृह युद्ध के समय नसरल्लाह अमल नाम के शिया मिलिशिया में शामिल हुआ। बाद में वह हिज्बुल्लाह नाम के समूह में शामिल हो गया।
1992 में इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के तत्कालीन नेता सैयद अब्बास मुसावी की हत्या की। इसके बाद संगठन का नेतृत्व नसरल्लाह के हाथ में आ गया। नसरल्लाह ने हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताओं और राजनीतिक प्रभाव का विस्तार किया। यह अब लेबनान में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।
नसरल्लाह ने हिज्बुल्लाह में क्या बदलाव किए?
नसरल्लाह ने अपना ध्यान हिज्बुल्लाह की सैन्य क्षमता बढ़ाने पर लगाया है। इस समूह ने भारी मात्रा में मिसाइल और रॉकेट जैसे हथियार जुटाए हैं। 2021 में दिए गए एक भाषण में नसरल्लाह ने दावा किया था कि उसके पास 1 लाख लड़ाकों की फौज है। ईरान ने सैन्य ताकत बढ़ाने में हिज्बुल्लाह की खूब मदद की है।
अमेरिका, यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, खाड़ी सहयोग परिषद और अरब लीग के अधिकांश देशों में हिज्बुल्लाह को आतंकवादी संगठन माना जाता है।यूरोपीय संघ ने हिज्बुल्लाह के मिलिट्री विंग को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। चीन और रूस जैसे देश हिज्बुल्लाह को लेकर तटस्थ रुख अपनाते हैं।
इजरायल पर क्या है नसरल्लाह का रुख?
नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह लगातार इजरायल के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। आत्मघाती बम धमाकों और रॉकेट हमलों सहित हिजबुल्लाह के गुरिल्ला वार की टैक्टिक्स ने इसे इसराइल के मुश्किल विरोधी बना दिया है।
2006 में लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 33 दिनों तक लड़ाई हुई थी। इससे दोनों पक्षों को भारी क्षति हुई। संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में बातचीत के बाद युद्धविराम हुआ था। इसके बाद अरब दुनिया में शक्तिशाली नेता के रूप में नसरल्लाह की प्रतिष्ठा बढ़ गई।
गाजा पर इजरायल के हमले पर नसरल्लाह ने क्या कहा?
7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर अब तक का सबसे भीषण हमला किया था। इसके चलते इजरायल में 2 हजार से अधिक लोगों की जान गई। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर आक्रमण कर दिया। इसके बाद से इजरायल और हमास के बीच लड़ाई चल रही है।
नसरल्लाह ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले की तारीफ की थी। उसने इसे "वीरतापूर्ण किया गया महान काम" कहा था। हमास के समर्थन में हिज्बुल्लाह भी इजरायल पर हमले कर रहा है। इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष में 75 नागरिकों सहित 390 लेबनानी और 20 इजरायली लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट है। 90,000 लेबनानी और 80,000 इजरायली विस्थापित हुए हैं।
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