सार
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद 15 बड़े बदलाव किए। ओवल ऑफिस में बुधवार दोपहर पत्रकारों के सामने कई कार्रवाइयों पर हस्ताक्षर करते हुए बिडेन ने कहा कि कार्यकारी आदेश, ज्ञापन और निर्देश जारी करने में समय नहीं बर्बाद करना है। आज मैं जिन फैसलों पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, उससे कोरोना महामारी से निपटने में मदद मिलेगी।
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद 15 बड़े बदलाव किए। ओवल ऑफिस में बुधवार दोपहर पत्रकारों के सामने कई कार्रवाइयों पर हस्ताक्षर करते हुए बिडेन ने कहा कि कार्यकारी आदेश, ज्ञापन और निर्देश जारी करने में समय नहीं बर्बाद करना है। आज मैं जिन फैसलों पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, उससे कोरोना महामारी से निपटने में मदद मिलेगी।
ट्रम्प के फैसले, जिन्हें बाइडेन के पलटा
जो बाइडेन ने सत्ता संभालते ही कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने के लिए फैसला लिया। इसके अलावा आम लोगों को मदद के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया। उन्होंने क्लाइमेट चेंज को लेकर भी हस्ताक्षर किए। इसके अलावा नस्लभेद को खत्म करने और विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले को रोका। बाइडेन ने बॉर्डर पर दीवार बनाने के फैसले को और उसकी फंडिंग को भी रोक दिया। इतना ही नहीं, ट्रम्प प्रशासन ने जिन मुस्लिम देशों पर बैन लगाया था उसे उन्होंने वापस ले लिया।
शपथ लेने के बाद बाइडेन ने क्या कहा?
जो बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसके बाद उन्होंने अपनी इनॉगरल स्पीच में लोकतंत्र, कोरोना से लेकर कैपिटल हिंसा तक का जिक्र किया। बाइडेन ने कहा, आज का दिन अमेरिका का दिन है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह उम्मीदों का दिन है। आज हम किसी उम्मीदवार का जश्न मनाने नहीं जुटे हैं। हम लोकतंत्र के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं।
कैपिटल हिंसा पर क्या बोले जो बाइडेन?
"अमेरिका में 6 जनवरी को ट्रम्प के समर्थकों ने हिंसा की थी। इसे लेकर बाइडेन ने कहा, यहां पर हुई हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिला दिया था, जबकि दो सौ साल से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो रहा था। उन्होंने कहा, मैं दोनों दलों के पूर्व राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। उस राष्ट्रपति को भी सलाम, जो यहां नहीं आए। लेकिन उन्हें अमेरिका की सेवा करने का मौका मिला।"
कोरोना को लेकर बाइडेन ने क्या कहा?
बाइडेन ने कहा, "हम अच्छे लोग हैं। हमें अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है। हमें बहुत कुछ करना है। हमें बहुत कुछ बनाना है, बहुत कुछ हासिल करना है। हालांकि, जैसा मुश्किल वक्त है, वैसा हमने कबी नहीं देखा। ऐसा द्वितीय विश्वयुद्ध में भी नहीं हुआ था। आज लाखों नौकरियां चली गईं। कारोबार बंद हो गए।"