सार

दुनिया के सात अजूबों से भी अजूबा है उससे भी कुछ बेहतर गढ़ना। ब्राजील इन दिनों एक ऐसी प्रतिमा बनाने में जुटा हुआ है। दुनिया के सात अजूबों में शामिल प्रतिमा से भी उंची एक प्रतिमा बनायी जा रही है। यह प्रतिमा रियो में स्थित द रिडीमर स्टेच्यू से डेढ़ गुना उंची होगी। द रिडीमर स्टेच्यू के 90वें बर्थडे पर इस स्टेच्यू का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

रियो। दुनिया के सात अजूबों से भी अजूबा है उससे भी कुछ बेहतर गढ़ना। ब्राजील इन दिनों एक ऐसी प्रतिमा बनाने में जुटा हुआ है। दुनिया के सात अजूबों में शामिल प्रतिमा से भी ऊंची एक प्रतिमा बनायी जा रही है। यह प्रतिमा रियो में स्थित द रिडीमर स्टेच्यू से डेढ़ गुना ऊंची होगी। द रिडीमर स्टेच्यू के 90वें बर्थडे पर इस स्टेच्यू का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

कहां बनाया जा रहा स्टेच्यू

ब्राजील के एनकांटोडो जिले में यह प्रतिमा बनाई जा रही है। जीसस क्राइस्ट की इस प्रतिमा की हाईट 43 मीटर होगी। यह स्टेच्यू रियो की 30 मीटर हाईट वाली क्राइस्ट द रिडीमर स्टेच्यू से 13 मीटर अधिक होगी। 

दोनों हाथों का निर्माण पूरा

जीसस क्राइस्ट की 43 मीटर हाईट वाली प्रतिमा के दोनों हाथों का निर्माण पूरा हो चुका है। रविवार को 28 मीटर चैड़े दोनों हाथों का निर्माण पूरा हुआ है। 

कब शुरु हुआ था निर्माण

जीसस क्राइस्ट की प्रतिमा का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था। इसे अक्तूबर 2021 में पूरा कर लिया जाएगा। अक्तूबर में ही क्राइस्ट द रिडीमर स्टेच्यू का 90वां जन्मदिन है। इस दिन इस प्रतिमा गिफ्ट के रूप में समर्पित होगा। 

कितना खर्च हो रहा है इस निर्माण में

एसोसिएशन आफ फ्रेंड्स आफ क्राइस्ट ने बताया कि प्रतिमा के निर्माण में 2.61 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से डोनेशन पर पूरा हो रहा है। 

क्राइस्ट द रिडीमर का क्या है महत्व

दुनिया के सात अजूबों में शुमार क्राइस्ट द रिडीमर स्टेच्यू ईसाई धर्म का वैश्विक प्रतीक है। दुनियाभर के लाखों लोग यहां पहुंचते हैं। रियो डी जेनेरियो शहर में स्थित इस प्रतिमा को देखने के लिए टूरिस्ट्स की भीड़ आती है। इस शहर में स्टेच्यू के होने से यहां की टूरिस्ट इंडस्ट्री खूब चलती है।  
क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा का क्रिएशन फ्रे्रंच स्कल्पचर पाॅल लैंडोस्की ने किया था जबकि निर्माण हीटर डा सिल्वा कोस्टा ने किया था। जार्ज लियोनिडा ने प्रतिमा का चेहरा बनाया था। जबकि डा सिल्वा का सहयोग अलबर्ट काॅट ने किया था।