विश्व निकाय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘‘आज हमने यहां सुना कि आतंकवाद और संगठित अपराध की दोहरी बुराइयों को किस तरह एक ही तर्ज पर सहयोग मिलता है। उन्हें उन्हीं दुष्ट शक्तियों से मदद मिलती है जो हिंसा के अवैध इस्तेमाल से शासन, विकास और सामाजिक ताने-बाने को दुर्बल करना चाहते हैं।’’