कोरोनाकाल को एक साल हो गया है। वैक्सीन बनने के बाद भी अभी कोरोना संक्रमण काबू में नहीं आया है। इस महामारी ने एक-दो नहीं, पूरी दुनिया को काफी पीछे धकेल दिया है। कोरोनाकाल में सुसाइड के मामले बढ़े हैं। खासकर जापान जैसे देश सुसाइड के बढ़ते मामलों से चिंतित हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए दुनिया में पहली बार किसी देश ने मिनिस्टर ऑफ लोन्लीनेस(Minister of Loneliness) यानी अकेलेपन को दूर करने के लिए एक मिनिस्टर की नियुक्ति की है। ऐसा ही एक पद पहले ब्रिटेन में लाया गया था, लेकिन जापान का फोकस कोरोनाकाल में बढ़ रही सुसाइड पर है। एक चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में औरतों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। पिछले दिनों BBC ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें 'यूएन वुमन' के नए 'ग्लोबल डेटा' के हवाले से बताया गया था कि कोरोना से महिलाओं की जिंदगी 25 साल पीछे जा सकती है। यूएन वुमन में डिप्टी एक्जिक्यूटिव अनीता भाटिया ने कहा था कि महिलाओं ने पिछले 25 सालों में जो काम किया, वो एक साल में खो सकता है। यानी महिलाएं रोजगार, शिक्षा के अलावा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सब में पिछड़ सकती हैं। कोरोना ने 1950 जैसी लैंगिक रूढ़ियों के फिर से कायम होने का खतरा बढ़ गया है।