सार
खैबर पख्तूनवा हमले में नौ चीनी इंजीनियर सहित 13 लोग मारे गये थे। यह हमला 14 जुलाई को ऊपरी कोहिस्तान जिले के दासु इलाके में हुआ था, जहां एक चीनी कंपनी सिंधु नदी पर 4,300 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली पनबिजली परियोजना पर काम कर रही है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक और चाल सामने आई है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हुए चीनी नागरिकों पर हमले का दोष पाकिस्तान ने भारत के मत्थे मढ़ दिया है। उधर, चीन पाकिस्तान के इस कदम से खुश है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि वह पाकिस्तान की जांच से खुश है।
आतंकी हमला करने वालों को जांच के दायरे में लाएंगे
चीनी प्रवक्ता चुनयिंग ने आतंकवादी हमले की जांच पर कहा कि चीन और पाकिस्तान मिलकर सभी तथ्यों और सच्चाई का पता लगाएंगे। जांच के बाद दोषियों को न्याय के कटघरे में लाएंगे। उन्होंने कहा ‘आतंकवाद समस्त मानव जाति का आम दुश्मन है। भू-राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए आतंकवाद का उपयोग करने वाली किसी भी ताकत का चीन दृढता से विरोध करता है। साथ वह इस क्षेत्र के देशों से सभी आतंकवादी संगठनों के खात्मे में सहयोग करने का आह्वान करता है ताकि सभी देशों की सामान्य सुरक्षा और विकास हितों को बरकरार रखा जा सके।‘
खैबर पख्तूनवा हमले में 9 इंजीनियर समेत 13 लोग मारे गए थे
खैबर पख्तूनवा हमले में नौ चीनी इंजीनियर सहित 13 लोग मारे गये थे। यह हमला 14 जुलाई को ऊपरी कोहिस्तान जिले के दासु इलाके में हुआ था, जहां एक चीनी कंपनी सिंधु नदी पर 4,300 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली पनबिजली परियोजना पर काम कर रही है। बस जब चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों को लेकर निर्माणधीन दासु बांध के स्थल पर जा रही थी तभी उसमें विस्फोट हो गया और गहरे नाले में गिर गई थी।
पाकिस्तान ने लगाया आरोप
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे दो एजेंसियों की साठगांठ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 36 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जबकि जांच के दायरे में करीब 1400 किमी के इलाके को शामिल किया गया।
हाफिज सईद के घर पर हमले के लिए भी रॉ को दोषी
पाकिस्तान ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद के आवास के पास 23 जून को हुए हमले का सूत्रधार एक भारतीय नागरिक था और उसका रॉ से संबंध है। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि दासू विस्फोट और सईद के आवास के बाहर हुए विस्फोट के बीच एक तार जुड़ा हुआ है। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को बेबुनियाद दुष्प्रचार बताते हुए खारिज कर दिया कि कराची और लाहौर में हुए कुछ हमलों के पीछे उसका (भारत) हाथ था। साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद को पाकिस्तानी भू-भाग से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापित करने योग्य कार्रवाई करने को कहा था।
पहला निशाना गिलगित बाल्तिस्तान
कुरैशी ने दावा किया कि पहला निशाना गिलगित बाल्तिस्तान में डाइमर-बाशा बांध स्थल था, लेकिन इसे निशाना बनाने में नाकाम रहने पर आतंकवादियों ने दासू परियोजना को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने हमले को अंजाम देने वालों का पता लगाया और वे लोग इससे जुड़े मिले। चीनी अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा किया और उन्हें जांच की विस्तृत जानकारी दी गई। चीन जांच से संतुष्ट है। प्रांत के आतंक रोधी विभाग के महानिदेशक जावेद इकबाल ने कहा कि आत्मघाती हमलावर की पहचान अफगान नागरिक खालिद उर्फ शेख के तौर पर हुई है।
हमले में 14 लोग थे शामिल
कुरैशी ने कहा कि हमले में 14 लोग शामिल थे, और समूह का नेतृत्व तारिक नाम का एक व्यक्ति कर रहा था, जो प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सदस्य था। बताया गया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने घटना की गहन जांच की है और हर स्तर पर चीनी पक्ष के साथ निष्कर्ष साझा किया है। आतंकवादी हमले की साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी। वाहन सहित अन्य सामग्री वहीं से मुहैया करायी गयी, जबकि आत्मघाती हमलावर को अफगानिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था और हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान लाया गया था।
इसे भी पढ़ें:
तालिबान का गजनी कब्जा के बाद अब राजधानी काबुल पर नजर, सरकार ने दिया सत्ता में साझेदारी का ऑफर
अफगानिस्तानः भारतीयों को स्वदेश लौटने की सलाह, चेतावनी की अनदेखी कर जान जोखिम में डाल रहे लोग