सार

तोशाखाना मामले (Toshakhana case) में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी कर दिया है। इसके साथ ही इमरान की गिरफ्तारी तय हो गई है। इमरान ने अपने घर के बाहर समर्थकों को जुटा रखा है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हथकड़ी लगने वाली है। विदेश यात्राओं के दौरान गिफ्ट में मिली बेशकीमती घड़ियों समेत कई गहनों और अन्य सामान को गलत तरीके से बेचने और पैसे खाने के मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो गया है।

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार इमरान खान को किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है। गिरफ्तारी से बचने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने जेल भरो आंदोलन चलाया था। उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल भरने के लिए कहा था, लेकिन इससे उनकी परेशानी कम नहीं हुई। जेल जाने से बचने के लिए इमरान ने अपने घर के बाहर समर्थकों की भीड़ जुटा रखी है।

तोशाखाना मामले में होगी गिरफ्तारी
पाकिस्तान के सरकारी खजाने को तोशाखाना कहा जाता है। पाकिस्तान के नियम के अनुसार विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को अगर कोई गिफ्ट मिलता है तो उसे तोशाखाना में जमा करना होता है। बाद में वह गिफ्ट के मूल्य के अनुसार तय कीमत चुकाकर कानूनी रूप से गिफ्ट अपने घर ले जा सकते हैं। इमरान खान पर आरोप है कि वह गलत तरीके से गिफ्ट अपने घर ले गए और उन्हें बाजार में बेंच दिया। उन्होंने तोशाखाना से गिफ्ट में मिले सामान 2.15 करोड़ रुपए में खरीदे और उन्हें बाजार में 20 करोड़ से अधिक कीमत में बेच दिए। इस मामले में इमरान खान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी भी आरोपी हैं।

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क्या है तोशाखाना केस?
2018 में इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। पीएम रहने के दौरान अमीर अरब शासकों से उन्हें महंगे गिफ्ट्स मिले थे। विदेशी दौरों पर मिले गिफ्ट्स को तोशाखाना में जमा कर दिया गया था। इमरान ने गलत तरीके से बेशकीमती गिफ्ट्स डिस्काउंट पर खरीदे और भारी मुनाफा पर बेच दिया। गिफ्ट्स में एक ग्रेफ कलाई घड़ी, कफलिंक की एक जोड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां शामिल थीं। इमरान खान ने अपनी आयकर रिटर्न में गिफ्ट्स की बिक्री से होने वाली आमदनी नहीं दिखाई। इस मामले में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को सार्वजनिक पद पर बने रहने से अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने इमरान पर पांच साल तक चुनाव लड़ने पर बैन भी लगा दिया था।

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