सार

भारत समेत नौ विदेशी देशों के राजनयिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी वाले SCO समिट से पहले इस्लामाबाद और रावलपिंडी सेना के पूर्ण नियंत्रण में हैं।

किसी भी देश में राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों के दौरान, प्रमुख स्थलों वाले शहरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जाती है। विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के आगमन पर, दिल्ली में सड़कों के किनारे बनी झुग्गियों को ढकने के लिए बड़े कपड़े या फ्लेक्स लगाए जाते हैं। भारत ही नहीं, दुनिया के कई शहरों में ऐसे मौकों पर पाबंदियां, ढकाव या बदलाव आम बात है। लेकिन, पाकिस्तान में ये पाबंदियां चरम पर हैं।

इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों की 23वीं बैठक हो रही है। रविवार से विदेशी प्रतिनिधि इस्लामाबाद पहुँचने शुरू हो गए हैं। भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, चीन, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, ये नौ देश SCO के सदस्य हैं। व्यापार, शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर सदस्य देशों के बीच स्थायी विकास संगठन का लक्ष्य है। इस्लामाबाद और रावलपिंडी पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में हैं।

विदेशी राजनयिकों के आने के साथ ही, पाकिस्तान सरकार ने राजधानी में पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है। एहतियात के तौर पर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। शादियों समेत सभी तरह के समारोहों पर रोक लगा दी गई है। सुरक्षा के लिए सेना तैनात कर दी गई है। राजधानी में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इस्लामाबाद और रावलपिंडी में लगभग दस हज़ार सैनिक और कमांडो तैनात किए गए हैं।

स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा बल सीधे सेना से आदेश लेंगे। 12 से 16 अक्टूबर तक दोनों शहरों में मैरिज हॉल, कैफे, रेस्टोरेंट, स्नूकर क्लब आदि बंद रहेंगे। व्यापारियों और होटल मालिकों को चेतावनी दी गई है कि सरकारी निर्देशों का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई होगी। इमारत मालिकों को सरकार को जमानत बांड भरकर यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहाँ कोई बाहरी व्यक्ति नहीं ठहरा है। इस्लामाबाद और रावलपिंडी में तीन दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। खबर है कि इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी दोनों शहरों में विरोध प्रदर्शन की योजना बना रही है।