सार
पाकिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों से जारी सियासी संकट के बीच आज प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी, लेकिन यह वोटिंग नहीं हुई। दरअसल, पाकिस्तानी संसद के डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया। इससे इमरान सरकार बच गई है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में उपजी राजनीतिकि उथल-पुथल के बीच आज इमरान खान (Imran Khan) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी। लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बड़ा उलटफेर हुआ। इमरान लगातार अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विदेशी साजिश का आरोप लगा रहे थे। इसी आधार पर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। इसके बाद इमरान ने देश काे संबोधित किया।
राष्ट्रपति से नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद संसद की कार्यवाही स्थगित हो गई। इस फैसले के बाद पाकिस्तान की इमरान सरकार फिलहाल बच गई है। संसद की कार्यवाही 25 अप्रैल तक के लिए स्थगित की गई है। इमरान खान ने मांग की है नेशनल असेंबली भंग की जाए। उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति को सिफारिश भी की है।
चुनाव करवाना चाहते हैं इमरान
पूरे घटनाक्राम के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को विधानसभा भंग करने की सलाह दी थी। उनका यह बयान नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के कुछ समय बाद आया। सूरी आज के सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 5 का उल्लंघन बताया। इमरान ने कहा कि मैं स्पीकर के फैसले पर हर पाकिस्तानी को बधाई देता हूं। अविश्वास प्रस्ताव हमारे खिलाफ एक विदेशी साजिश थी। पाकिस्तान को तय करना चाहिए कि उन पर कौन शासन करे। इससे पहले खबर आई थी कि इमरान खान ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने की शर्त पर विधानसभा भंग करने की पेशकश की है।
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इस्लामाबाद में लागू की गई थी धारा 144
इससे पहले पाकिस्तानी संसद (Pakistan National Assembly ) में होने वाले इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर इमरान सत्ता बचाने की कोशिशों में जुटे थे। उन्होंने युवाओं से विरोध करने की अपील की थी। इमरान की अपील के बाद इस्लामाबाद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के बीच हिंसा के इनपुट्स मिले थे। इसके बाद वहां धारा 144 लागू कर दी गई थी। नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर वोटिंग से पहले शनिवार को इमरान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के सांसदों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में महज 140 सांसद ही पहुंचे, जबकि पाकिस्तानी संसद में विश्वास मत हासिल करने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है। इमरान सियासी पिच पर टिके रहने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। उन्होंने इस्तीफा (resign) देने से इनकार करते हुए कहा था कि आखिरी बॉल तक डटा रहूंगा।
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