सार
इटली में एक मरीज ने ब्रेन सर्जरी के दौरान 9 घंटे तक सैक्सोफोन बजाया। डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान जगाए रखने के लिए उसे सैक्सोफोन बजाने को कहा था। मरीज संगीतकार है। ठीक होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
रोम। इटली की राजधानी रोम में ब्रेन सर्जरी के दौरान एक मरीज सैक्सोफोन बजाता रहा। उसे दिमाग संबंधी गंभीर रोग था। इसके चलते ऑपरेशन करीब 9 घंटे तक चला। सर्जरी के दौरान मरीज का जगा होना जरूरी था ताकि डॉक्टर देख सकें कि ब्रेन के किसी महत्वपूर्ण हिस्से को नुकसान तो नहीं हो रहा है। नींद आने पर मरीज को जानलेवा नुकसान होने का खतरा था।
यह ऑपरेशन रोम के पाइडिया इंटरनेशनल हॉस्पिटल में किया गया। मरीज की पहचान जीजेड के रूप में हुई है। 35 साल के जीजेड संगीतकार हैं। ठीक होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल ने बताया कि मरीज को जगाए रखा गया ताकि डॉक्टर यह सुनिश्चित कर सकें कि वे उसके दिमाग के न्यूरोलॉजिकल फंक्शन में कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है। न्यूरोसर्जन डॉ क्रिश्चियन ब्रोगना के नेतृत्व में सर्जरी की गई।
मरीज के जगे रहने पर होती है सटीक मैपिंग
डॉ क्रिश्चियन ब्रोगना ने कहा कि प्रत्येक इंसान का दिमाग दूसरे से अलग होता है। मरीज के जगे रहने पर सर्जरी करने से न्यूरोनल नेटवर्क को सटीकता से मैप करना संभव होता है। इसी नेटवर्क की मदद से इंसान खेलने, बोलेने, हिलने, चलने, याद रखने और गिनती करने जैसे काम करता है। अगर न्यूरोनल नेटवर्क में सर्जरी के दौरान गड़बड़ी हुई तो इंसान संबंधित काम नहीं कर पाएगा।
10 डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
जीजेड की ब्रेन सर्जरी को डॉ ब्रोगना के नेतृत्व में 10 डॉक्टरों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने अंजाम दिया। इस दौरान अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया। सर्जरी से पहले जीजेड ने डॉक्टरों को बताया था कि वह संगीतकार है और उसे सैक्सोफोन बजाना बहुत पसंद है। डॉक्टरों ने उससे सर्जरी के दौरान सैक्सोफोन बजाते रहने को कहा। इससे उसके मस्तिष्क के विभिन्न कार्यों को मैप किया जा सका। सर्जरी के दौरान जीजेड ने 1970 की फिल्म 'लव स्टोरी' का थीम सॉन्ग और इतालवी राष्ट्रगान बजाया।
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डॉ ब्रोगना ने कहा कि मरीज के ब्रेन में ट्यूमर था। सर्जरी से ट्यूमर या मस्तिष्क के खास हिस्सों में स्थित कैवर्नोमा जैसी खराबी को दूर किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि सर्जरी से मरीज ठीक हो गया। वह पहले की तरह अपना काम कर सकता है। वहीं, मरीज ने सर्जरी के बाद बताया कि उसे ऑपरेशन के दौरान डर की जगह शांति महसूस हुई।
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