सार

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां लगातार हिंदू मंदिरों और अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के मामले भी सामने आते रहते हैं। अब ऐसा ही मामला रावलपिंडी शहर में सामने आया है।

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां लगातार हिंदू मंदिरों और अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के मामले भी सामने आते रहते हैं। अब ऐसा ही मामला रावलपिंडी शहर में सामने आया है। यहां 100 साल पुराने हिंदू मंदिर पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। इसमें ऊपरी मंजिल के मुख्य द्वार, एक अन्य दरवाजे और पुरानी सीढ़ियों को तोड़ दिया गया। इसी के चलते मंदिर में होली का त्योहार भी नहीं मनाया गया। 

बताया जा रहा है कि यह मंदिर इस्लामाबाद के पुराना किला इलाके में है। यहां मंदिर के रेनोवेशन का काम चल रहा था। शनिवार शाम को 10 से 15 लोगों के समूह ने मंदिर पर हमला किया और इसे नुकसान पहुंचाया। 

मंदिर में अभी नहीं रखी गई थी मूर्ति
इस मंदिर के रेनोवेशन का काम पिछले 1 महीने से चल रहा था। अभी यहां ना ही पूजा हो रही थी और ना ही कोई मूर्ति रखी गई थी। इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) ने मंदिर पर हमले की शिकायत रावलपिंडी के बन्नी थाने में दर्ज कराई। 

ETPB के सिक्योरिटी ऑफिसर सैयद रजा अब्बास जैदी ने शिकायत में मंदिर और उसकी पवित्रता को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि मंदिर के सामने अतिक्रमण किया गया था, जिसे 24 मार्च को हटा दिया गया था। इसके बाद यहां रेनोवेशन का काम शुरू हुआ था। लेकिन तभी मंदिर पर हमला किया गया।