सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई में आयोजित सीओपी28 समिट में शामिल होने के बाद शुक्रवार की शाम दिल्ली वापस लौट आए हैं। पीएम मोदी ने करीब 21 घंटे यूएई में बिताए और इस दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
COP28 Summit. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुबई में आयोजित हुए सीओपी28 समिट में भाग लेने के बाद वापस दिल्ली लौट आए हैं। वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट का यह कार्यक्रम कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा है और आने वाले समय में इसका असर भी देखने को मिलेगा। दुबई से रवाना होने के बाद इस आयोजन के लिए यूएई सरकार की सराहना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पीएम मोदी ने विश्व के कई नेताओं के साथ मुलाकात की है। इस दौरान जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बड़े फैसले भी लिए गए हैं। इस विजिट के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर ग्लोबल साउथ पर ही पड़ने वाला है। पीएम ने कहा कि तकनीकी और फंड के माध्यम से हम जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सहित ग्लोबल साउथ के देशों को जलवायु परिवर्तन में बहुत छोटा सा रोल है लेकिन इन देशों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है।
गरीब देशों के फंड का किया गया स्वागत
पीएम मोदी ट्रांसफॉर्मिंग क्लाइमेट फाइनांस के सेशन में कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों पर क्लाइमेट चेंज के प्रभाव को कम करने के लिए तकनीक के साथ फंड की भी जरूरत होगी। सीओपी28 के दौरान गरीब देशों के लिए लॉस एंड डैमेज फंड को मंजूरी दे दी गई है। यह गरीब देशों में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के काम आएगा। पीएम मोदी यूएई के प्रेसीडेंट शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, स्वीडिश पीएम क्रिस्टर्सन, तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन, बारबाडोस के प्रधानमंत्री मिया मोटली, फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैंक्रो, यूनाइटेड नेशंस के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटारेस और ब्रिटिश पीएम रिषी सुनक जैसे नेताओं से भी मुलाकात की है।
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