सार

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के इस्तीफे की खबर सुनकर राजधानी कोलंबो की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग खुशी से झूम उठे। एशियानेट न्यूज के रिपोर्टर मनु शंकर ने इस पल को अपने कैमरे में कैद किया। 
 

कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने कई दिनों तक टालमटोल के बाद इस्तीफा दे दिया। 95 दिनों से अधिक समय से राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को जब यह खबर मिली तो वे खुशी से झूम उठे। श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक और आर्थिक संकट को कवर कर रहे एशियानेट न्यूज के रिपोर्टर मनु शंकर ने इस पल को अपने कैमरे में कैद किया। 

श्रीलंका के संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने की आधिकारिक तौर पर घोषणा की। अभयवर्धने ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा भेजा गया त्याग पत्र मिला है। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे संसद द्वारा एक नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया के समापन तक अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।

स्पीकर ने जनता से किया शांतिपूर्ण वातावरण पैदा करने का आग्रह
स्पीकर ने जनता से सभी सांसदों को राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण मुहैया कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "सात दिन के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव हो जाएगा। मैं सभी पार्टी नेताओं, सार्वजनिक अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों से सहयोग का आग्रह करता हूं। मैं जनता से एक शांतिपूर्ण वातावरण की अनुमति देने का आग्रह करता हूं, जिसमें सभी सांसद अपने विवेक के अनुसार कामय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।"

यह भी पढ़ें- Srilanka Crisis: 30 दिन सिंगापुर में रह सकेंगे गोटबाया, उसके बाद क्या होगा, श्रीलंका में और बढ़ेगी महंगाई

शनिवार को होगी श्रीलंकाई संसद की बैठक 
राष्ट्रपति द्वारा इस्तीफा दिए जाने के साथ ही नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शनिवार को श्रीलंका की संसद की बैठक होगी। संविधान के प्रावधानों के अनुसार सात दिनों के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा। बता दें कि हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राजपक्षे ने घोषणा किया था कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे। इससे पहले ही वह देश छोड़कर मालदीव भाग गए। गुरुवार को वह मालदीव से सिंगापुर पहुंचे। इसके बाद अपना इस्तीफा दिया।

यह भी पढ़ें- गोटबाया ने इस्तीफे में गिनाए वो 3 कारण, जिनसे श्रीलंका डूब गया, सबसे पहले सीरियल बम ब्लास्ट ने हिलाई थी नींव