सार

रूस ने कैंसर की mRNA वैक्सीन बनाने का दावा किया है और कहा है कि 2025 की शुरुआत में इसे मुफ्त में दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि प्री-क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन ट्यूमर को रोकने में कारगर साबित हुई है।

मास्को/नई दिल्ली। रूस लंबे समय से कैंसर वैक्सीन बनाने पर काम कर रहा है। हाल ही में वहां की हेल्थ मिनिस्ट्री ने दावा किया है कि उसके वैज्ञानिकों ने कैंसर की mRNA वैक्सीन डेवलप कर ली है और वो इसे अपने नागरिकों को मुफ्त में लगाएंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के प्रमुख एंड्री काप्रिन ने कहा- वैक्सीन की डोज 2025 की शुरुआत में लॉन्च होगी। बता दें कि रूस के अलावा कई और देश कैंसर वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी ने इस पर पूरी तरह कामयाबी नहीं पाई है।

ट्यूमर को फैलने से रोकने में असरकारक होगी वैक्सीन

रूस की न्यूज एजेंसी TASS के मुताबिक, ये वैक्सीन कैंसर के इलाज में मील का पत्थर साबित हो सकती है। गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के डायरेक्टर अलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग के मुताबिक, वैक्सीन का प्री-क्लिनिकल ट्रायल हो चुका है। परीक्षण के दौरान पता चला कि वैक्सीन ट्यूमर के विकास और मेटास्टेसिस (कैंसर के फैलने) को रोकने में काफी हद तक असरदार है। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फरवरी, 2024 में कहा था कि हम कैंसर वैक्सीन बनाने के बेहद नजदीक पहुंच चुके हैं।

कैसे काम करेगी कैंसर वैक्सीन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन इम्यून सिस्टम को कैंसर सेल्स की पहचान करने और उसे खत्म करने में मदद करेगी। खासकर ये ट्यूमर सेल्स को मिलने वाले प्रोटीन या एंटीजन को टारगेट करेगी, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम ट्यूमर को खत्म करने में सक्षम हो जाएगा। हालांकि, अभी साफतौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि वैक्सीन कैंसर को रोकने में कितनी प्रभावशील होगी।

रूस में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मरीज

रूस में कैंसर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दो साल पहले यानी 2022 में वहां कैंसर मरीजों के 6,35,000 से ज्यादा लोग सामने आए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में ब्रेस्ट और लंग कैंसर सबसे ज्यादा हो रहा है। बता दें कि रूस ने कोविड ​​-19 के दौरान भी अपनी खुद की स्पुतनिक वी वैक्सीन बनाई थी और इसे कई देशों को बेचा भी था।

ब्रिटेन-जर्मनी मिलकर बना रहे कैंसर वैक्सीन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन जर्मन कंपनी बायो-एनटेक के साथ मिलकर कैंसर वैक्सीन डेवलप कर रहा है। इसके जरिये 2030 तक 10 हजार मरीजों के इलाज का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, अमेरिका की मॉडर्ना और मर्क जैसी कंपनियां भी स्किन कैंसर की वैक्सीन बनाने में लगी हैं। सितंबर, 2023 में अमेरिका ने AOH1996 दवा का ह्यूमन ट्रायल भी किया था। वैज्ञानिकों ने कहा था कि कैंसर की ये दवा हेल्दी सेल्स को बिना कोई नुकसान पहुंचाए कैंसर सेल्स को खत्म करने का काम करेगी। बता दें कि 2022 में भारत में कैंसर के 14 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। इनमें 7.22 लाख महिलाएं और 6.91 लाख पुरुषों में कैंसर का पता चला था। वहीं, 9.16 लाख कैंसर मरीजों की मौत हो गई थी।

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