Ukraine Russia Conflict: ब्लैक सी में रूसी तेल टैंकर 'विराट' पर मरीन ड्रोन से हमला हुआ है। यूक्रेन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। टैंकर को मामूली नुकसान हुआ, क्रू सुरक्षित है, लेकिन यह रूस के तेल परिवहन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

Russian Oil Tanker Attack: शनिवार को ब्लैक सी में रूसी तेल टैंकर 'विराट' पर अनमैनड ड्रोन यानी मानवरहित का हमला हुआ। टैंकर ने रेडियो पर मदद की कॉल की और बताया कि इसे ड्रोन अटैक का सामना करना पड़ा। हालांकि जहाज को मामूली नुकसान हुआ और क्रू सुरक्षित है। यह हमला यूक्रेन–रूस संघर्ष में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। यूक्रेन ने इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली है और इसके जरिए रूस के तेल परिवहन पर बड़ा असर पड़ने की उम्मीद है।

तुर्की ने कहा दोबारा हमला हुआ

तुर्की के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि विराट को पहले भी ब्लैक सी तट से लगभग 35 नॉटिकल मील की दूरी पर हमला किया गया था। परिवहन मंत्री अब्दुलकादिर उरलोग्लू ने कहा कि बाहरी प्रभाव का मतलब हो सकता है कि जहाज को माइन, रॉकेट, ड्रोन या अनमैनड अंडरवाटर वाहन से हिट किया गया। हालांकि, विराट को मामूली नुकसान हुआ है और टैंकर स्थिर स्थिति में है। क्रू की हालत भी अच्छी है।

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यूक्रेन ने किया हमला होने का दावा

AFP की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने शैडो फ्लिट टैंकरों पर हमला करने की जिम्मेदारी ली है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब यूक्रेन पर अमेरिका द्वारा शांति समझौते पर दबाव बढ़ रहा है। यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस(SBU) के एक अधिकारी ने बताया कि यह ऑपरेशन SBU और यूक्रेन नेवी की संयुक्त योजना के तहत किया गया। 'वीडियो फुटेज दिखाता है कि हमले के बाद दोनों टैंकरों को गंभीर नुकसान हुआ और ये सेवा से बाहर हो गए। यह रूसी तेल परिवहन को बड़ा झटका देगा।' एक अन्य सोर्स ने AFP को बताया कि 'मॉडर्नाइज्ड सी बेबी' नौसैनिक ड्रोन ने जहाजों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्रोन जहाजों की ओर बढ़ते हैं और फिर धमाका होता है।

शैडो फ्लिट और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध

दोनों टैंकरों ने गैम्बियन ध्वज फ्लाई किया हुआ है और ये जहाज पश्चिमी प्रतिबंधों के अधीन हैं। रूस के 2022 आक्रमण के बाद तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यूक्रेन बार-बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील कर रहा है कि 'शैडो फ्लिट' पर सख्त कदम उठाए जाएं, क्योंकि यह तेल निर्यात रूस को युद्ध को फंड करने में मदद करता है। कैयव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, इन टैंकरों से लगभग 70 मिलियन डॉलर का तेल परिवहन किया जा सकता था।

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