सार
अमेरिकी समलैंगिकों को बाइडेन गवर्नमेंट ने एक बड़ा तोहफा दिया है। अमेरिकी संसद ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक कानून पारित किया, जो LGBTQ-अधिकार अधिवक्ताओं(LGBTQ-rights advocates) के लिए एक बड़ी जीत है। अमेरिकी संसद ने सेम सेक्स मैरिज (समलैंगिक विवाह) बिल को दी मंजूरी दे दी है।
वाशिंगटन(WASHINGTON). अमेरिकी समलैंगिकों को बाइडेन गवर्नमेंट ने एक बड़ा तोहफा दिया है। अमेरिकी संसद ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक कानून पारित किया, जो LGBTQ-अधिकार अधिवक्ताओं(LGBTQ-rights advocates) के लिए एक बड़ी जीत है। अमेरिकी संसद ने सेम सेक्स मैरिज (समलैंगिक विवाह) बिल को दी मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाउस में इस बिल को 169 वोट से पारित किया गया। बिल को फाइनल अप्रूवल के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के पास भेजा गया था। अब बाइडेन के साइन के साथ ही अमेरिका में समलैंगिक विवाह(same-sex marriage) को कानूनी मान्यता मिल जाएगी। यह प्रोसेस जनवरी के पहले पूरी होने की उम्मीद है। पढ़िए पूरी बात...
2015 में बैन कर दी गई थी सेम सेक्स मैरिज
अमेरिकी सीनेट ने सेम सेक्स मैरिज बिल पास होने पर खुशी जाहिर की। बाइडेन ने कहा-'लव इज लव' और अमेरिका में रहने वाले हर नागरिक को उस व्यक्ति से शादी करने का हक है, जिससे वो प्यार करता है। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे देश भर में बैन किया था।
बता दें कि जनवरी, 2023 के पहले बाइडेन को बिल पर साइन करने होंगे। जनवरी 2023 के पहले बिल पर साइन करने होंगे। दरअसल, जनवरी में हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के कंट्रोल में आ जाएगा। मतलब, इसके के बाद बाइडेन को हर फैसला लेने के लिए संसद में विपक्ष, यानी डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी की मदद की जरूरत पड़ेगी। हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में जो भी पार्टी जीतती है, संसद में उसका दबदबा होता है। पिछले दिनों हुए मिड टर्म इलेक्शन में रिपब्लिकन पार्टी ने हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में बहुमत हासिल किया था। सभी रिपब्लिकन नेता जनवरी में पद ग्रहण करने वाले हैं।
जानिए बिल से जुड़ीं अन्य महत्वपूर्ण बातें
सेम सेक्स मैरिज बिल जुलाई में हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में पेश किया गया था। जून में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के अधिकार की रक्षा करने वाले फैसले को पलट दिया था। तब से समलैंगिकों को डर बना हुआ था कि अब उनकी सेम सेक्स मैरिज को लेकर भी कोई कड़ा फैसला न आ जाए। ऐसे में बाइडेन की सरकार ने यह पहल की।
जब जुलाई में बिल को हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में रखा गया था, तब तय किया गया था कि बिल को कानून बनाने के लिए वोटिंग कराई जाएगी। 16 नवंबर को बिल को सीनेट भेजा गया था। इसे पास करने के लिए 100 सदस्यों में से 61 सदस्यों के वोट चाहिए थे।
उल्लेखनीय है कि दुनिया में 32 देशों में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता मिली हुई है। हालांकि समलैंगिकों के अधिकार को लेकर दुनियाभर में तीन तरह के कानून हैं। जैसे कुछ देशों में समलैंगिक शादी मान्य है। कुछ देशों में समलैंगिक रिलेशनशिप मान्य है, लेकिन मैरिज की परमिशन नहीं है। जबकि कई देशों में ये दोनों बातें गैरकानूनी हैं। यानी 120 देशों में समलैंगिकता क्राइम है, जबकि 32 देशों में सेम सेक्स मैरिज मान्य है। 88 देशों में समलैंगिक संबंधों को इजाजत है, लेकिन मैरिज को नहीं। इसमें भारत भी शामिल है।
नीदरलैंड में 2001 में सबसे पहले सेम सेक्स मैरिज को अनुमति दी गई थी। यमन, ईरान आदि 13 देशों में समलैंगिक संबंधों को लेकर सख्ती है। यहां ऐसा करते पाए जाने पर मौत की सजा दी जाती है।
अगर भारत की बात करें, तो सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि अनुमति न देना LGBTQ कपल के अधिकारों का हनन है। कपल ने समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 में शामिल करने की मांग की उठाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
बता दें कि समलैंगिक समुदाय के अधिकारों को लेकर भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में लंबे समय तक चर्चा होती रही है। हालांकि भारत में सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक संबंधों को मान्यता देने वाले 125 देशों में शामिल है, हालांकि यहां सेम सेक्स मैरिज अभी मान्य नहीं है।
क्या है समलैंगिकता?
समलैंगिकता का अर्थ किसी व्यक्ति का समान लिंग के लोगों के प्रति यौन और रोमांसपूर्वक(sexually and romantically attracted) रूप से आकर्षित होना है। पुरुष अगर पुरुष के प्रति आकर्षित होते हैं, तो उन्हें पुरुष समलिंगी या गे(homosexual or gay) कहत हैं। वहीं, जो महिला किसी अन्य महिला के प्रति आकर्षित होती है उसे भी गे कहा जा सकता है, लेकिन उसे आमतौर पर महिला समलिंगी या लेस्बियन(homosexual or gay) कहा जाता है। जो लोग महिला और पुरुष दोनो के प्रति आकर्षित होते हैं उन्हें उभयलिंगी(bisexuals) कहा जाता है। इन सबको यानी समलैंगिक, उभयलैंगिक और लिंगपरिवर्तित लोगो को मिलाकर एलजीबीटी (LGBT) समुदाय बनता है।
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