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बचपन में देखा था सुंदर लड़की को मारकर रेप करने और लाश खाने का ख्वाब, फिर उसकी पब्लिसिटी भी करता रहा

वर्ल्ड न्यूज. आप सपने में ऐसे अपराधों की कल्पना तक नहीं कर सकते थे, लेकिन इस शख्स ने वो सब किया। क्या है इससी सागवा को दुनिया का अब तक का सबसे भयानक नरभक्षी(Issei Sagawa the most terrifying cannibal killer of all time) माना जाता है? यह सवाल इन दिनों दुनियाभर की मीडिया की चर्चा में है। जापान के इस नरभक्षी इंसान सगावा की पिछले दिनों 73 साल की उम्र में निमोनिया से बहुत बुरा समय देखते हुए मौत हो गई। सगावा पर इल्जाम लगा था कि उसने एक डच छात्रा की हत्या कर उसके शव के साथ रेप किया था। हालांकि जुर्म कबूल करने के बावजूद उसे इसके किए की सजा नहीं मिली। बताते हैं कि 24 नवम्बर 2022 को उसकी मौत हो गई। उसके अंतिम संस्कार में गिने-चुने रिश्तेदार ही शामिल हुए। परिजनों ने उसकी मौत को राज़ बनाने की कोशिश की, लेकिन मीडिया से बच नहीं सके। पढ़िए कौन था ये सगावा‌?

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Amitabh Budholiya
Published : Dec 06 2022, 10:28 AM IST| Updated : Dec 06 2022, 11:11 AM IST
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1981 में सगावा पेरिस में पढ़ता था। तब उसने नीदरलैंड की एक छात्रा रेनी हर्टवेल्ट(Renee Hartevelt) को अपने घर पर बुलाया। फिर सगावा ने रेनी के गर्दन पर गोली मार दी। जब वो मर गई, तो उसकी लाश के साथ रेप किया। बाद में छात्रा की लाश के टुकड़े करके कई दिनों तक उसे पका कर खाता रहा।

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जब सगावा रेनी की लाश खाते-खाते उकता गया, तो उसने बचे टुकड़े पेरिस के बोइस डी बोलोग्ने पार्क में ठिकाने लगाने की कोशिश की, तभी वो पकड़ा गया।

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इस जघन्य जुर्म का पर्दाफाश होने के साथ ही सगावा को अरेस्ट कर लिया गया था। उसने अपना जुर्म कबूल भी किया था, लेकिन 1983 में उसे फ्रांस में केस के ट्रायल के लिए फिट नहीं माना गया। फ्रांसीसी डॉक्टरों ने सगावा को मनोरोगी( Psychopath) मानकर मनोरोग संस्थान(Psychiatric Institute) में भेज दिया था।

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1984 में सगावा को उसके देश जापान भेज दिया गया। हालांकि रेनी के परिजनों ने सगावा को सजा दिला सजा दिलाने की अपनी कोशिशें जारी रखी थी। वे चाहते थे कि सगावा की पूरी जिंदगी जेल में कटे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

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सबसे हैरानी की बात यह रही कि सगावा को जब जापान भेजा गया, तब जापानी एक्स्पर्ट ने जांच में पाया कि वो मनोरोगी नहीं है। उसे सिर्फ चरित्र विसंगति-character anomaly की प्राब्लम थी। यानी उसका चरित्र की अजीब था।

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आपको जानकार यह भी ताज्जुब होगा कि सगावा ने बाद में रेनी की हत्या को अपनी प्रसिद्धि के लिए यूज किया। कुछ समय बाद उसने ‘इन द फॉग’ नाम का एक उपन्यास भी लिखा। इस नॉवेल में सगावा ने रेनी की हत्या के बारे में विस्तार से बताया गया था। जापान के प्रसिद्ध उपन्यासकार जुरो कारा ने भी अपने नॉवेल ‘लेटर फ्रॉम सागावा-कुन’ में इस मामले का जिक्र किया था। इस नॉवेल ने 1982 में जापान का सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक इनाम जीतकर सबको चौंका दिया था।

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सगावा ने ब्लू फिल्म में भी काम किया। सगावा की क्रूरता पर ग्राफ़िक़ों के साथ एक कॉमिक भी बनाई गई थी। बताते हैं कि लंबे समय से वो व्हीलचेयर पर था। 2017 में सगावा पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। 

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सगावा का कहना है कि मानव मांस के प्रति उनका जुनून तब शुरू हुआ, जब वह सिर्फ एक बच्चा था। सगावा हमेशा खुद को एक अवांछनीय व्यक्ति महसूस करता था, और जब उसके यौवन के चरम ने उसे बमुश्किल पांच फीट के दुबले-पतले आदमी में बदल दिया, तो उसे खुद से चिढ़ होने लगी। 

सगावा खुद को एक कमजोर, बदसूरत और छोटा आदमी बताता है और स्वस्थ, सुंदर महिला को मारने और खाने का अपराध करने के बाद वह दावा करता है कि ऐसा करके वह उसकी एनर्जी को ग्रहण करना चाहता था। सगावा ने बताया था कि एक रात उसने स्वप्न देखा कि उसे और उसके भाई को खाने के लिए एक बर्तन में उबाला जा रहा है। सगावा का कहना है कि उस समय से उन्होंने इस बारे में कल्पना करना शुरू कर दिया था।

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About the Author

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Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं

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