सार
सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग सिक्योरिट समिट (Shangri-La Dialogue security summit) के दौरान चीन ने दुनिया के दूसरे देशों को बड़ी चेतावनी दी है। चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू का यह बयान काफी मायने रखता है।
Shangri-La Dialogue security summit. चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने चेतावनी दी है कि मौजूदा हालात को देखते हुए एशिया-पैसिफिक में भी NATO जैसा एलायंस बन सकता है। उन्होंने यूरोपीय देशों और अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि क्षेत्रीय देशों पर अधिकार, छोटे संघर्षों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने जैसे हालात में एशिया-फैसिफिक में भी NATO जैसा एलायंस बन सकता है। चीनी रक्षा मंत्री ने यह बातें सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग सिक्योरिटी समिट के दौरान कही है।
क्यों दी चीन ने NATO जैसा एलायंस बनाने की धमकी
चीनी रक्षा मंत्री का यह बयान उस घटना के बाद सामने आया है जब एक दिन पहले ही ताइवान के जलडमरूमध्य में चीन और अमेरिका के सैन्य जहाज एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए थे। इस घटना ने दोनों देशों के गुस्से को भड़का दिया है। ली ने अमेरिकी रक्षा सचिव की मौजूदगी में कहा कि ये गठबंधन एशिया-पैसिफिक क्षेत्र को विवादों और संघर्षों के भंवर में डूबा सकते हैं। क्योंकि एशिया प्रशांत में चीन की बढ़ती दखअंदाजी के बाद अमेरिका AUKUS संगठन की एक्टिविटी बढ़ा दी है।
छोटे समूहों के गठन से परेशान है चीन
दरअसल अमेरिका AUKUS का सदस्य है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। चीन ने इसी संगठन और क्वाड को लेकर यह बयान दिया है। क्वाड में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान जैसे देश हैं। ली शांगफू ने सुरक्षा शिखर सम्मेलन में कहा कि आज एशिया-प्रशांत को खुले और समावेशी सहयोग की जरूरत है न कि इन छोटे-छोटे समूहों में शामिल होने की आवश्यकता है।
अमेरिका ने कहा- बातचीत से दूर होंगी गलतफहमियां
अमेरिका और चीन के सैन्य जहाजों के टकराव के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने बीजिंग के साथ शीर्ष स्तर की वार्ता का भी आह्वान किया है। अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन ने कहा कि हम जितना अधिक बात करेंगे, उतना ही अधिक गलतफहमियों और गलत गणनाओं से बच सकते हैं। यह गलतफहमियां संघर्ष का कारण बन सकते हैं। ताजा तनाव के तुरंत बाद अमेरिका ने अपने 7वें बेड़े से एक कनाडाई नौसैनिक विध्वंसक पोत ताइवान के जलडमरूमध्य में तैनात कर दिया है।
क्या है सिंगापुर का शांगरी-ला डायलॉग
शांगरी-ला डायलॉग सिंगापुर में दुनिया के टॉप डिफेंस अधिकारियों, राजनयिकों और नेताओं को एक साथ लाने वाला वार्षिक मंच है। इसमें भारत के खुफिया विभाग रिसर्च एंड डेवलपमेंट विंग के प्रमुख सामंत गोयल ने भी हिस्सा लिया। अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन ने नियमों और अधिकारों की दुनिया के तहत मुक्त, खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के वाशिंगटन के दृष्टिकोण का समर्थन किया। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए इसे सबसे अच्छा तरीका बताया।
यह भी पढ़ें