सार

फ्रांस के कैथोलिक चर्च (Catholic Church) बच्चों के यौन शोषण का एक बड़ा अड्डा बने हुए हैं। मंगलवार को कमिशन ने इसकी रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार पिछले 70 सालों में इन चर्चों में 3.30 लाख बच्चे यौन शोषण(sexually abused) का शिकार बने।
 

पेरिस(Paris). संभ्रांत(elite) देशों में शुमार फ्रांस से बच्चों के यौन शोषण(sexually abused) की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। फ्रांस के कैथोलिक चर्चों (Catholic Church) को लेकर तैयार की गई इस रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि इनमें पिछले 70 सालों में 3.30 लाख बच्चों का यौन शोषण किया गया। इनमें दो तिहाई आरोपी कोई और नहीं, चर्च के पादरी हैं। इन अपराधों में शामिल 3,000 लोगों ने इस दौरान चर्च के साथ काम किया।  (तस्वीर रिपोर्ट जारी करने वाले स्वतंत्र कमिशन के अध्यक्ष ज्यां मार्क सॉवे की है।)

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80 फीसदी पीड़ित पुरुष
फ्रांस में रोमन कैथोलिक चर्च में बच्चों के यौन शोषण की जांच कर रहे स्वतंत्र आयोग के अध्यक्ष ज्यां मार्क सॉवे ने रविवार को अखबार जर्नल दू दिमांशे को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि आयोग ढाई साल से इन मामलों की पड़ताल कर रहा था। इसके अंतिम नतीजे मंगलवार को जारी किए गए। रिपोर्ट के अनुसार 1950 के दशक से काम करने वाले चर्च के 11500 पादरियों और अन्य लोगों में आरोपियों की संख्या 3000 के करीब है।

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पहली बार सामने आई ऐसी रिपोर्ट
फ्रांस में पहली बार चर्चों को लेकर ऐसी कोई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में चर्चों में होने वाली अश्लील और गंदी हरकतों की डेटा भी जुटाया गया। सॉवे ने कहा कि ये अनुमान वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर हैं। पीड़ितों में 80 फीसदी पुरुष थे।

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बेहद गंभीर परिणाम सामने आए
रिपोर्ट बनाने के दौरान यौन हिंसा का शिकार होने वाले 60 फीसदी पुरुषों और महिलाओं ने कहा कि उन्होंने इसके कारण अपने यौन जीवन में बड़ी परेशानियों का सामना किया।2500 पेजों वाली यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब कैथोलिक चर्चों में यौन शोषण के लगातार मामले उठते रहे हैं।

पीड़ित संघ ‘पार्लर एट रिविवर’ (स्पीक आउट एंड लिव अगेन) के प्रमुख ओलिवियर सैविग्नैक ने इस जांच रिपोर्ट में अपना योगदान दिया था। उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि यह फ्रांसीसी समाज और कैथोलिक चर्च के लिए भयानक है। रिपोर्ट बनाने के लिए शुरुआत में एक हॉटलाइन को लॉन्च किया गया था। इसपर करीब 6,500 लोगों की कॉल आईं। ये खुद को पीड़ित बता रहे थे।  पीड़ितों ने माना कि कई बार उनकी शिकायतों पर गौर नहीं किया गया। कई बार उन्होंने इसके लिए खुद की गलती मानी।

फोटो क्रेडिट: Ludovic Marin/AFP via Getty Images