सार
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हुई साम्प्रदायिक हिंसा( communal violence) के पीछे किसी की गहरी साजिश है या मामला कुछ और..अभी खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति की पहचान कर ली है। उसे मस्जिद से कुरान लेकर दुर्गा पंडाल में रखते देखा गया है।
ढाका. 13 अक्टूबर को कोमिला(Comilla) में साम्प्रदायिक हिंसा को जन्म देने वाले आरोपी की पुलिस ने पहचान कर ली है। इसने ही दुर्गा पंडाल में कुरान रखी थी। इसके बाद बांग्लादेश के 22 जिलों में साम्प्रदायिक हिंसा फैल गई थी। आरोपी की पहचान सुजानगर के रहने वाले 35 वर्षीय इकबाल हुसैन पुत्र नूर अहमद के रूप में हुई है।
CCTV से हुई पहचान
बांग्लादेश के प्रमुख मीडिया dhakatribune.com के अनुसार, पुलिस ने जब पूजास्थल के CCTV फुटेज खंगाले तो आरोपी उसमें कैप्चर हुआ। कोमिला SP फारूक अहमद ने बुधवार को इसकी पुष्टि की है। हालांकि तब तक आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका था। पुलिस के अनुसार इकबाल ड्रग एडिक्ट(drug addict) है और आवारा घूमता है। पुलिस अब यह पता करने की कोशिश कर रही है कि उसका कहीं किसी पार्टी से राजनीति संबंध तो नहीं है। CCTV में आरोपी एक मस्जिद से कुरान लेकर दुर्गा पूजा स्थल की ओर जाते दिखाई दिया था। बाद में उसे अपने हाथ में हनुमानजी की स्टाइल में गदा (लाठी) लेकर चलते देखा गया। इस मामले में सिर्फ कोमिला पुलिस ने 4 FIR दर्ज की हैं। अब तक 41 लोगों को पकड़ा गया है। इनमें से 4 इकबाल के सहयोगी हैं। जबकि देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में 450 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 72 मामले दर्ज किए गए हैं। हिंसा में 7 लोगों की मौत हो गई थी।
मां ने किया खुलासा
इकबाल की मां अमीना बेगम ने खुलासा किया कि वो ड्रग एडिक्ट है। इकबाल अपने पूरे परिवार को प्रताड़ित करता था। ये लोग देशभर में विभिन्न मंदिरों में ठहरकर अपना जीवन-बसर करते हैं। इकबाल पिछले 10 सालों से मानसिक बीमार है। उसने अपने एक पड़ोसी को भी छुरा घोंप दिया था। इकबाल के छोटे भाई रेहान लगातार पुलिस की मदद करता रहा।
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मां बोली-सजा मिले
इकबाल की मां अमीना बेगम ने कहा कि उसके बेटे को इस करतूत की सजा मिलनी चाहिए। वहीं, कोमिला वार्ड-17 के पार्षद सैयद सोहेल का मानना है कि इकबाल की मानसिक हालत का किसी ने फायदा उठाया है। इस मामले में पुलिस ने 13 अक्टूबर को 41 वर्षीय मोहम्मद फोएज अहमद को गिरफ्तार किया था। इसने घटनावाले दिन पूजास्थल से फेसबुक लाइव किया था।