सार

श्रीलंका में लोगों को पेट्रोल और डीजल के लिए तीन-तीन दिन तक लाइन में लगना पड़ रहा है। पेट्रोल पंप के बाहर सैकड़ों लोगों की कतार लगी है। लोगों ने कहा कि राजपक्षे परिवार ने देश को खाई में धकेल दिया।

कोलंबो। श्रीलंका में चल रहा आर्थिक और राजनीतिक संकट थम नहीं रहा है। क्या आम, क्या खास, श्रीलंका के सभी लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। एशियानेट न्यूज के रिपोर्टर मनु शंकर श्रीलंका में हैं और वहां की स्थिति की जानकारी दे रहे हैं। श्रीलंका में खाना और दवा से लेकर पेट्रोल-डीजल तक नहीं मिल रहा है। पेट्रोल पंप के बाहर सैकड़ों लोगों की कतार लगी है। लोग तीन-तीन दिन से लाइन में इस उम्मीद में लगे हैं कि उन्हें अपनी गाड़ी में भरने के लिए पेट्रोल या डीजल मिल जाएगा। हमारे रिपोर्टर मनु शंकर ने एक ऐसे ही पेट्रोल पंप का जायजा लिया और बाहर खड़े लोगों के बात की। 

राजपक्षे परिवार के प्रति दिखा गुस्सा
पेट्रोल पंप के बाहर खड़े लोगों में राजपक्षे परिवार के प्रति गुस्सा साफ दिखा। लोगों ने श्रीलंका पर आए संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार बताया। राजधानी कोलंबो के बाहरी इलाके में स्थित एक पेट्रोल पंप के बाहर लाइन में लगे श्रीलंकाई नागरिक ने कहा कि मैं यहां 12 जुलाई से इंतजार कर रहा हूं। सुबह 11:30 बजे आया था। अभी तक कतार में हूं। मुझे नहीं लगता कि आज रात इंधन मिलेगा। यहां तक कि कल के लिए भी कोई पक्की उम्मीद नहीं है कि इंधन मिल ही जाए। संभव है कि शनिवार को मिले। 

उन्होंने कहा कि मैं एक कंपनी में काम करता हूं। तीन दिन से मैं यहां लाइन में लगा हूं। यहां शौचालय की सुविधा तक नहीं है। सरकार को लोगों की चिंता नहीं है। नेता सिर्फ ताकत चाहते हैं। ताकत में बने रहने के लिए वे हर तरह के आपराधिक काम करने को तैयार रहते हैं। वे लोग अभी भी वही काम कर रहे हैं।

राजपक्षे परिवार ने श्रीलंका को खाई में धकेला
राजपक्षे परिवार को लेकर श्रीलंकाई व्यक्ति ने कहा कि हमलोग 95 दिनों से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति कहां हैं। वह देश छोड़कर भाग गए। उन्होंने भ्रष्टाचार किया और देश को खाई में धकेल दिया। 2005 से राजपक्षे परिवार सत्ता में है। उन्होंने देश को लूटा। उनके चलते ही हम आज यहां लाइन में लगने को विवश हैं। 

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श्रीलंकाई व्यक्ति ने कहा कि यहां दवा नहीं है। गैस की भी कमी है। भारत ने लंबे समय तक हमारी मदद की। भारत ने क्रेटिड लाइन दिया था वह भी खत्म हो गया है। हमें नहीं पता कि अब कौन हमारी मदद करेगा। भारत सरकार से अपील है कि वे श्रीलंका के लोगों की मदद करें। भारत बड़ा भाई है। हमें उनसे मदद की उम्मीद है। 

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