अमेरिका के 28 तटीय शहर डूबने के खतरे में हैं, जिनमें न्यूयॉर्क और शिकागो जैसे बड़े शहर भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ज़मीन के नीचे के पानी के अत्यधिक इस्तेमाल और समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण ये शहर हर साल मिलीमीटर दर से डूब रहे हैं।
अमेरिका के समुद्र तट पर बसे 28 सबसे ज़्यादा आबादी वाले शहर, जिनमें न्यूयॉर्क, शिकागो, डलास और डेनवर भी शामिल हैं, डूब जाएँगे, एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ये शहर हर साल दो से दस मिलीमीटर (0.08 से 0.4 इंच) तक डूब रहे हैं। वर्जीनिया पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट और स्टेट यूनिवर्सिटी ने मिलकर सैटेलाइट आधारित रडार आंकड़ों का इस्तेमाल करके डूबते शहरों का हाई रेजोल्यूशन मैप बनाया है।
अध्ययन के लिए चुने गए 28 शहरों में से हर एक शहर का कम से कम 20% हिस्सा डूब जाएगा। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि 25 शहरों में कम से कम 65% ज़मीन डूब रही है। टेक्सास राज्य के तटीय शहरों में डूबने की दर सबसे ज़्यादा दर्ज की गई है। इनमें ह्यूस्टन शहर सबसे आगे है। ह्यूस्टन का लगभग 40% हिस्सा हर साल 5 मिलीमीटर (0.2 इंच) से ज़्यादा डूब रहा है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि शहर का 12% हिस्सा हर साल 10 मिलीमीटर (0.4 इंच) से ज़्यादा डूब रहा है। space.com की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अध्ययन को अंजाम देने वाले लियोनार्ड ओहेनहेन ने बताया कि ज़मीन का थोड़ा सा भी डूबना समय के साथ इमारतों, सड़कों, पुलों और रेलवे सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
ज़मीन का समुद्र में डूबना कोई असामान्य घटना नहीं है। प्राकृतिक और भौगोलिक कारणों से कई इलाके समुद्र में समा जाते हैं। लेकिन, वर्जीनिया टेक टीम का कहना है कि अमेरिकी शहरों का 80% हिस्सा डूबने की वजह इंसानों द्वारा ज़मीन के नीचे के पानी का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल है। इंसानी दखलअंदाज़ी की वजह से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, जिससे तटीय शहरों में ज़मीन धंस रही है। यह सिर्फ़ तटीय इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे अंदरूनी शहर भी खतरे में हैं। इससे बाढ़ आ सकती है। यही नहीं, अध्ययन दल ने चेतावनी दी है कि पानी का स्तर बढ़ने से इमारतों और इंसानों द्वारा बनाए गए बुनियादी ढाँचे को भी नुकसान पहुँच सकता है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का स्तर बढ़ने के दावे को नहीं मानते।
