सार

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी अब किसी भी वक्त खिसक सकती है। इसका अहसास होने पर उन्होंने विपक्ष को संसद भंग करने का प्रस्ताव भेजा, लेकिन 177 सदस्यों के समर्थन की ताकत देख विपक्ष ने इमरान का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। 

इंटरनेशनल डेस्क। पाकिस्तान में बदले सियासी घटनाक्रम के बीच राजनीतिक संकट (Political Crisis in pakistan) गहरा गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बीच इमरान खान (Imran Khan) ने विपक्ष को नेशनल असेंबली (National Assembly) भंग करने का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) वापस ले लेता है तो वह असेंबली को भंग कर देंगे। हालांकि, विपक्ष इमरान को कोई भी मौका नहीं देना चाहता। विपक्षी नेता शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्‌टो ने इससे साफ इंकार किया है। 

विपक्ष को सरकार विश्वास मत प्राप्त करने का मौका दें 
इस बीच गुरुवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू होनी थी। एक घंटे से अधिक समय की देरी से शुरू हुए सत्र में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होने से पहले ही सत्र 3 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। केंद्रीय कार्य समिति के सदस्य राणा अहसान अफजल खान ने कहा कि विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन है, जबकि इमरान सरकार को नेशनल असेंबली में बहुमत नहीं है। ऐसे में इमरान सरकार को हटाया जाना चाहिए। विपक्षी नेता बिलावट भुट्‌टो ने कहा कि हम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस नहीं लेने जा रहे। प्रधानमंत्री आज ही इस्तीफा दें और विपक्ष को विश्वास मत प्राप्त करने का मौका दें।

विपक्ष की बैठक में पहुंचे 172 सांसद
सत्र से पहले हुई विपक्ष की मीटिंग में 172 सदस्य पहुंचे। पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 172 सदस्यों के साथ सरकार बनाई जा सकती है। यानी विपक्ष के पास पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में सरकार बनाने के लिए पूरा बहुमत है। इमरान असेंबली भंग कर चुनाव कराना चाहते हैं, जबकि विपक्ष बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा ठोंक रहा है। गुरुवार को हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में यह सामने आया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने विपक्ष को नेशनल असेंबली भंग करने का प्रस्ताव भेजा है। लेकिन विपक्ष किसी भी कीमत पर उन्हें मौका नहीं देना चाहता है। अधिकांश विपक्षी नेताओं ने नेशनल असेंबली के स्पीकर से अविश्वास प्रस्ताव पर जल्द वोटिंग कराने की अपील की है। 

इसलिए संसद भंग करना चाहते हैं इमरान 
इमरान खान को लगता है कि देश की जनता उनके साथ है। उन्होंने 27 मार्च को इसीलिए लोगों को अपने समर्थन में जुटाया था। उस दिन करीब 1 लाख लोग उनके समर्थन में जुटे भी और नारे भी लगाए। इमरान को लगता है कि यदि संसद भंग कर चुनाव हुए तो वह एक बार फिर से सत्ता में आ सकते हैं, जबकि अविश्वास प्रस्ताव में हारने के बाद उनकी फजीहत होगी। ऐसे में उन्होंने विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने और असेंबली भंग करने का प्रस्ताव भेजा था। सारे गणित फेल होते देख इमरान ने सम्मानजनक विदाई की प्लानिंग की थी, लेकिन यह भी विपक्ष ने फेल कर दी।

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आर्मी चीफ ने कल की थी मुलाकात 
बुधवार को पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल बाजवा और आईएसआई के डीजी ने इमरान खान से मुलाकात की थी। उनके बीच क्या बात हुई, यह सामने नहीं आई है, लेकिन इस मीटिंग के बाद ही कल इमरान ने राष्ट्र के नाम संबोधन को रद्द कर दिया था। हालांकि, आज रात वे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। 

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