सार
नेपाल में बुधवार तड़के(28 दिसंबर) को भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र (NEMRC) ने बागलुंग जिले में बुधवार तड़के 4.7 और 5.3 तीव्रता के दो भूकंपों की सूचना दी।
काठमांडु. नेपाल में बुधवार तड़के(28 दिसंबर) को भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र (NEMRC) ने बागलुंग जिले में बुधवार तड़के 4.7 और 5.3 तीव्रता के दो भूकंपों की सूचना दी। केंद्र की रीडिंग के अनुसार, बागलुंग जिले में अधिकारी चौर के पास रिक्टर पैमाने पर 01:23 (स्थानीय समय) पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। NEMRC ने ट्वीट किया, बगलुंग जिले में खुंगा के आसपास, दूसरा 5.3 तीव्रता का भूकंप दोपहर 02:07 बजे(स्थानीय समयानुसार) आया। अभी तक जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
नेपाल में आते रहते हैं भूकंप
नेपाल का बड़ा हिस्सा भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की सम्मिलित सीमा पर स्थित है। यहां हिमालय की तह वाले पहाड़ हैं, जो भूकंपीय गतिविधियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं। इससे पहले उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उत्तरकाशी में मंगलवार को देर रात 2 बजकर 19 मिनट पर 3.1 तीव्रता का भूकंप आया था। बता दें कि उत्तराखंड में दिसंबर में कई बार भूकंप के झटके आए थे।
नवंबर में आया था नेपाल में तगड़ा भूकंप
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के निकट नेपाल सीमा से लगे हिमालयी क्षेत्र में 9 नवंबर की तड़के 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद पूरे उत्तर भारत में तेज झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने कहा कि भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगभग 90 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में नेपाल में था और यह बुधवार दमियानी रात 1.57 बजे आया था। नेपाल में भूंकप से हुए हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई थी। कई लोग घायल हुए थे। नेपाल के डोटी जिले के प्रहरी कार्यालय के अनुसार, पूर्वी चौकी ग्राम पालिका में घर गिरने से एक परिवार के तीन लोगों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी।
अब जानिए किस तीव्रता के भूकंप से कितना नुकसान
2.0 तीव्रता. रिएक्टर स्केल पर इस तीव्रता के भूकंप रोज करीब आठ हजार आते हैं, लेकिन ये महसूस नहीं होते।
2.0 से लेकर 2.9 की तीव्रता: रोज करीब हजार झटके आते हैं, लेकिन ये भी महसूस नहीं होते।
3.0 से लेकर 3.9 की तीव्रता: रिक्टर स्केल पर इस तीव्रता के झटके साल में करीब 49 हजार बार आते हैं। ये भी महसूस नहीं होते, पर मामूली नुकसान कर देते हैं।
4.0 से 4.9 की तीव्रता: साल में लगभग 6200 बार दर्ज किए जाते हैं। ये झटके महसूस होते हैं और नुकसान भी कर देते हैं।
5.0 से 5.9 तीव्रता: ये साल में लगभग 800 बार महसूस होते है। ये नुकसान पहुंचाते हैं।
6.0 से 6.9 तक की तीव्रता: साल में लगभग 120 बार दर्ज किए जाते हैं। ये 160 किलोमीटर तक के दायरे में बड़ा नुकसान कर देते हैं।
7.0 से लेकर 7.9 तक की तीव्रता: ये तबाही का कारण बनते हैं। ये साल में लगभग 18 बार आते हैं।
8.0 से लेकर 8.9 तक की तीव्रता: यह भूकंप सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में भयंकर तबाही ला देता है। हालांकि ये साल में कभी-कभार ही आते हैं।
9.0 से लेकर 9.9 तक की तीव्रता: यह भूकंप विनाश ला देता है। हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में तबाही आ जाती है। ये 20 साल में एक बार आने की आशंका होती है।
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