सार

शुक्रवार को रूसी सैनिकों ने हमला तेज किया। मिसाइलों से यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सेना ने जमकर बमबारी की। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब तक घोषित बैन अपर्याप्त हैं। 

कीव। रूस पर यूक्रेन के हमले के बाद विश्व युद्ध के मुहाने पहुंची दुनिया के लिए एक अच्छी खबर है। यूक्रेन और रूस बातचीत की संभावनाओं को तलाशने के लिए आगे बढ़े हैं। दोनों देश बातचीत के लिए उपयुक्त जगह और समय को लेकर निर्णय लेने वाले हैं। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन युद्धविराम और शांति के बारे में बात करने के लिए तैयार है।

अमेरिका बोला-बंदूक की संस्कृति नहीं होगी सफल

उधर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि बंदूक की बैरल पर कूटनीति...जबरदस्ती वाली कूटनीति है...सफल नहीं हो सकती। मास्को का कीव के साथ वार्ता का प्रस्ताव वास्तविक कूटनीति नहीं है। कूटनीति के लिए यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई बंद होनी चाहिए और रूसी सेना को वापस लेना चाहिए। 

अमेरिका ने शुरू किया अलग-थलग करने के प्रयास तेज

यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा कि हमें विश्वास है कि रूस विश्व मंच पर अलग-थलग पड़ जाएगा। विश्वास है कि सहयोगी यूक्रेन की स्वतंत्रता पर इस आक्रमण का कड़ा विरोध करेंगे। हमें उम्मीद है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात भी यूएनएससी में रूस के खिलाफ प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, मूल्यों को साझा करते हैं। भारत का रूस के साथ संबंध है जो रूस के साथ हमारे संबंधों से अलग है। 

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पश्चिमी देशों के साथ कोई बातचीत नहीं

रूस और यूक्रेन में बातचीत की स्थितियां भले ही बन जाए लेकिन रूस ने साफ किया है कि पश्चिमी देशों के साथ वह उस स्थिति में पहुंच गए हैं जहां से नो रिटर्न की शुरूआत होती है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने शुक्रवार रात एक रूसी टीवी स्टेशन को बताया कि पश्चिम के साथ संबंध उस रेखा पर पहुंच गए हैं जिसके बाद नो रिटर्न की बात शुरू होती है।

चीन ने रूस से गेंहू पर आयात प्रतिबंध खत्म किया

फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सरकार ने पुष्टि की है कि उसने रूस से गेहूं पर आयात प्रतिबंध को खत्म करने वाले समझौते को मजबूत किया है। चीन ने यह ऐलान उस समय किया है जब दुनिया के देश रूस को अलग थलग करने में लगे हुए हैं। गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था।

कीव पर हमला तेज

शुक्रवार को रूसी सैनिकों ने हमला तेज किया। मिसाइलों से यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी सेना ने जमकर बमबारी की। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक मदद करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब तक घोषित बैन अपर्याप्त हैं। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि अब तक 10 सैन्य अधिकारियों सहित 137 लोग मारे गए हैं और 316 लोग घायल हुए हैं।

सोमवार को रूस ने दो देशों को दी थी मान्यता

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। इन दोनों को अलग देश के रूप में पुतिन ने मान्यता देते हुए अपने रक्षा मंत्रालय को अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में शांति व्यवस्था का कार्य संभालने का निर्देश दिया।

यह है विवाद की वजह

रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।

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