सार

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस की जलवायु परिवर्तन पर चुप्पी चर्चा का विषय बनी है। जहां पहले वे इस मुद्दे पर मुखर थीं, वहीं अब उनकी चुप्पी से सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे अपना रुख बदल रही हैं?

वर्ल्ड डेस्क। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections 2024) होने वाले हैं। मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस (Kamala Harris) के बीच है। कमला हैरिस पहले जलवायु परिवर्तन पर मुखर होकर बोलती थीं। राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी बनने के बाद उन्होंने इसका जिक्र कम किया है। इससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या कमला हैरिस जलवायु परिवर्तन पर स्टैंड बदल रहीं हैं?

पिछले सप्ताह डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन (DNC) में हैरिस ने ग्लोबल वार्मिंग का सिर्फ एक बार जिक्र किया। हैरिस ने 2019-2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनने की कोशिश के दौरान जलवायु परिवर्तन पर खूब बातें की थी। 

जलवायु परिवर्तन को कमला हैरिस ने बताया दांव पर लगी मौलिक आजादी

DNC में हैरिस ने ग्लोबल वार्मिंग रोकने की बात की। इसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को चुनाव के दौरान दांव पर लगी “मौलिक स्वतंत्रताओं” में से एक माना है।

दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रम्प जलवायु परिवर्तन को लेकर एक अलग ही रुख अपनाते हैं। उन्होंने चीन के बारे में ज्यादा कुछ कहे बिना जलवायु परिवर्तन को “देशभक्ति का मुद्दा” बनाने के लिए डेमोक्रेट्स की आलोचना की है। ट्रम्प ने जीवाश्म ईंधन (पेट्रोलियम प्रोडक्ट और कोयला) की वकालत को आर्थिक राष्ट्रवाद की भाषा में पेश किया है।

जलवायु और ऊर्जा पर क्या है कमला हैरिस का रुख?

कमला हैरिस लंबे समय से जलवायु परिवर्तन को लेकर काम कर रहीं हैं। वह जब कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थी तब बड़ी तेल कंपनियों पर मुकदमा किया था। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के बारे में गलत सूचना देने में एक्सॉन मोबिल की भूमिका की जांच कराई थी। सीनेट में रहते हुए कमला हैरिस ने ग्रीन न्यू डील प्रस्ताव को प्रायोजित किया।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति जो बाइडेन की पहली राष्ट्रीय जलवायु सलाहकार जीना मैकार्थी ने कहा, "उपराष्ट्रपति हैरिस ट्रम्प को कड़ी टक्कर देंगी। वह हर दिन सभी अमेरिकियों को स्वच्छ हवा, स्वच्छ पानी और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए लड़ेंगी।"

बता दें कि हैरिस की उम्मीदवारी धरती के लिए निर्णायक समय पर आई है। 2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष था। 2024 में भी खूब गर्मी पड़ी। 21 जुलाई वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म दिन था।

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