सार

नासा द्वारा स्थापित जेम्स वेब्ब टेलीस्कोप जिसने पिछले महीने से ही साइंस ऑपरेशन शुरू किए हैं, जिसने गैलेक्सी को 500 प्रकाश वर्ष की दूरी से देखने में कामयाबी पाई है। साथ ही यह भी खुलासा किया है कि वहां कितनी तेज आवाजें होती हैं।

नई दिल्ली. नासा द्वारा स्थापित जेम्स वेब्ब टेलीस्कोप जिसने पिछले महीने से ही साइंस ऑपरेशन शुरू किए हैं, गैलेक्सी को 500 प्रकाश वर्ष की दूरी से देखने में कामयाबी पाई है। साथ ही यह भी खुलासा किया है कि वहां कितनी तेज आवाजें होती हैं। वेब पीयर बैक इन टाइम ने कार्टव्हील आकाशगंगा में ब्लैक होल के नए सितारों को खोज निकाला है। दुनिया के सबसे पावरफुल टेलीस्कोप ने फिर से यूनिवर्स में चल रही गतिविधियों की तस्वीरें लेनी शुरू कर दी हैं। जिसमें यह बताने की कोशिश की जा रही है कि करोड़ों सालों में किस तरह से यूनिवर्स में परिवर्तन आए हैं। यह गैलेक्सी किसी वैगन की तरह दिखाई देता है। यही कारण है कि हाईस्पीड की वजह से बड़े गैलेक्सी और छोटी गैलेक्सी में टकराव होता है। हालांकि तस्वीरों में वह देख पाना काफी मुश्किल है।

क्या कहते हैं एस्ट्रोनॉट
एस्ट्रोनॉट यह मानकर चल रहे हैं कि कार्टव्हील गैलेक्सी ट्राजिशन फेस से गुजर रहा है। हालांकि यह बहुत ही आसान तरीके से होता है। फिर भी छोटी गैलेक्सी के टकराव से अजीब तरह की आवाजें निकलना स्वाभाविक है। जेम्स वेब्ब द्वारा जूपिटर ग्लोव की यह लेटेस्ट तस्वीर ली गई है। नासा ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि इस टकराव से गैलेक्सी के शेप और संरचना में कोई बदलान नहीं होने जा रहा है। कार्टव्हील गैलेक्सी के दो रिंग हैं। एक ब्राइट इनर रिंग है जबकि दूसरा कलरफुल चारों तरफ रिंग है। यह रिंग कोलिएशन के सेंटर में होता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे किसी तालाब में कोई पत्थर फेंका जाए तो वह अगले शेप बन जाता है। फिर सामान्य भी हो जाता है।

नासा की टाइम मशीन
जेम्स वेब्ब टेलीस्कोप पृथ्वी से करीब 15,00,000 किलोमीटर की दूरी पर है। जो यह खोज कर रहा है कि करीब 13 बिलियन साल पहले गैलेक्सी कैसे अस्तित्व में आई। वह एक समय में उलटा ट्रैवेल कर रहा है। इस स्पेसक्राफ्ट में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है जिसमें शानदार इमेज क्वालिटी के साथ डिटेल डेटा भी इकट्ठा किया है। यह कार्टव्हील गैलेक्सी के पास्ट का भी खोज कर रहा है। स्पेसक्राफ्ट नियर इंफ्रारेड कैमरे का इस्तेमाल करता है, जिसमें वे सितारे भी दिख जाते हैं, जिन्हें सामान्य लाइट में देख पाना मुश्किल है। नासा का कहना है कि जेम्स वेब्ब टेलीस्कोप काम कर रहा है यानि हमारा टाइम मशीन काम कर रहा है।

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