Rare Earth Metals: चीन ने भारत के लिए रेयर अर्थ मटेरियल की सप्लाई पर से प्रतिबंध हटा लिया है। इसका फायदा भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज को होगा। क्या है रेयर अर्थ मेटल्स और कहां-कहां होता है इसका यूज, जानते हैं।
Rare Earth Magnate: चीन ने भारत के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है। बता दें कि चीन ने अप्रैल 2025 में 7 रेयर अर्थ मटेरियल के एक्सपोर्ट पर सख्त पाबंदियां लगा दी थीं। इसके चलते भारत को होने वाली सप्लाई रुक गई थी, लेकिन अब इसे हटा लिया गया है। रेयर अर्थ मैग्नेट्स एक ऐसा खनिज है, जिसका उपयोग कार, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिक वाहन (EV), ऑटोमोबाइल और कई अन्य उद्योगों में व्यापक रूप से किया जाता है। बता दें कि चीन रेयर अर्थ मैग्नेट्स का 65% प्रोडक्शन करता है, लेकिन ग्लोबल लेवल पर उसका इस पर 90% तक नियंत्रण है। आखिर क्या है रेयर अर्थ मैग्नेट्स और चीन द्वारा भारत के लिए प्रतिबंध हटाने का क्या होगा असर, जानते हैं।
रेयर अर्थ मैग्नेट्स क्या है?
रेयर अर्थ मैग्नेट्स 18 तत्वों का एक समूह है, जो 15 लैंथेनाइड्स के अलावा नियोडिमियम, समैरियम और कोबाल्ट जैसे दुर्लभ-मृदा तत्वों के मिश्रधातुओं से बने होते हैं। इसमें स्कैंडियम और येट्रियम भी शामिल हैं। ये एनर्जी कन्वर्जन को बेहद आसान बनाते हैं, जिससे उपकरणों को छोटा बनाने में मदद मिलती है। ये स्थायी चुम्बकों के सबसे पावरफुल प्रकार हैं और अपने हाई मैग्नेटिक फील्ड स्ट्रेंथ और छोटे आकार के चलते इनका इस्तेमाल कई प्रमुख चीजों में होता है।
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1- इलेक्ट्रिक मोटर: बेहतर इफिशिएंसी और कॉम्पैक्ट डिजाइ के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों, बिजली उपकरणों और अप्लायंसेस में इसका उपयोग किया जाता है।
2- विंड टरबाइन जनरेटर्स: रेयर अर्थ मैग्नेट्स की ताकत विंड टरबाइंस को अधिक बिजली पैदा करने में सक्षम बनाती है, जिससे एनर्जी कन्वर्जन अधिक एफिशिएंट हो जाता है।
3- कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी: हार्ड डिस्क ड्राइव, डिस्क ड्राइव और प्रिंटर में इस्तेमाल किए जाते हैं। इससे कलपुर्जे छोटे और तेजी गति से काम करने में कुशल होते हैं।
4- मेडिकल डिवाइसेज: अपने प्रबल चुंबकीय क्षेत्र के कारण MRI मशीनों, एक्स-रे मशीनों, PET स्कैनर, पेसमेकर और हियरिंग इक्विपमेंट्स में इस्तेमाल होता है।
5- ऑडियो इक्विपमेंट्स: हाई क्वालिटी साउंड आउटपुट के लिए लाउडस्पीकर, हेडफोन, माइक्रोफोन और इलेक्ट्रिक गिटार पिकअप्स में उपयोग किए जाते हैं।
6- ऑटोमोबाइल: हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों में परमानेंट मैग्नेट मोटरों में इस्तेमाल किया जाता है।
7- इंडस्ट्रियल यूज: प्रोडक्ट्स की शुद्धता बनाए रखने, उपकरणों की सुरक्षा करने और लुब्रिकेटिंग ऑयल में सूक्ष्म धात्विक कणों को कैप्चर करने तथा मैग्नेटिक सेपरेशन से क्वालिटी कंट्रोल में मददगार।
8- एयरोस्पेस एंड डिफेंस: एवियॉनिक्स, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, रडार और इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स टेक्नोलॉजी में उपयोग किया जाता है।
9- कंज्यूमर गुड्स: चुंबकीय खिलौनों, आभूषणों, मैग्नेटिक बिल्डिंग सेट्स, रेफ्रिजरेटर मैग्नेट्स और मिनिएचर फिगर्स में इस्तेमाल होता है।
10- स्पेशल यूज: मैग्लेव ट्रेनों, फिशिंग रील ब्रेक्स, इलेक्ट्रोडायनैमिक बियरिंग्स, स्टॉप मोशन एनिमेशन और कैंसर उपचार सहित कई साइंटिफिक रिसर्च में उपयोग किया जाता है।
रेयर अर्थ मैग्नेट प्रोडक्शन में दुनिया के टॉप-10 देश
रेयर अर्थ मैग्नेट प्रोडक्शन के मामले में चीन दुनिया में टॉप पर है। 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, जानते हैं दुनिया के टॉप-10 देश कौन हैं।
1- चीन
चीन लगभग 270,000 मीट्रिक टन रेयर अर्थ मैग्नेट के साथ प्रमुख उत्पादक है। खासतौर पर चुम्बकों के लिए उपयोग किए जाने वाले नियोडिमियम और प्रेजोडायमियम जैसे हल्के दुर्लभ खनिजों में। चीन विश्व स्तर पर सबसे बड़े रेयर अर्थ माइनिंग और रिफाइनिंग इंडस्ट्री को कंट्रोल करता है।
2- अमेरिका
अमेरिका रेयर अर्थ मैग्नेट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसके पास लगभग 45,000 मीट्रिक टन रेयर अर्थ ऑक्साइड (REO) मिनरल कॉन्सन्ट्रेट है, जो मुख्यतः माउंटेन पास खदान से मिलता है। अमेरिका मैग्नेट्स और रेयर अर्थ प्रोसेसिंग के लिए डोमेस्टिक सप्लाई चेन बनाने के लिए भारी इन्वेस्टमेंट कर रहा है।
3- म्यांमार (बर्मा)
लगभग 31,000 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ म्यांमार लिस्ट में तीसरे नंबर पर है। बर्मा के पूर्वोत्तर काचिन राज्य में इसका सबसे प्रमुख सोर्स है, जहां से इसका अधिकांश रेयर अर्थ मैग्नेट चीन को निर्यात किया जाता है।
4- ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया भी रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई में ग्लोबली एक खास जगह रखता है। इसकी प्राॉसेसिंग में चीन भी शामिल है।
5- नाइजीरिया
2024 तक लगभग 13,000 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ नाइजीरिया लिस्ट में पांचवे नंबर पर है। नाइजीरिया अपने यहां रेयर अर्थ माइनिंग इंडस्ट्रीज को तेजी से डेवलप कर रहा है।
6- थाईलैंड
2024 तक थाइलैंड लगभग 4,000 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ दुनिया में छठे नंबर पर है। थाइलैंड में इसका प्रोडक्शन तेजी से बढ़ाया जा रहा है। थाईलैंड चीन के लिए रेयर अर्थ का एक प्रमुख स्रोत है।
7- भारत
महत्वपूर्ण भंडार के बावजूद भारत रेयर अर्थ मैग्नेट का करीब 2900 मीट्रिक टन उत्पादन करता है, जो वैश्विक उत्पादन का 1% से भी कम है। भारत अपनी रेयर अर्थ प्रोडक्शन कैपेसिटी का विकास कर रहा है।
8- मेडागास्कर
मेडागास्कर लगभग 2,000 मीट्रिक टन उत्पादन करता है और अम्पासिंदवा प्रायद्वीप में रेयर अर्थ मैग्नेट का एक महत्वपूर्ण भंडार हैं। हालांकि, स्थानीय प्रतिरोध के चलते यहां उत्पादन बेहद सीमित है।
9- वियतनाम
2024 में लगभग 300 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ वियतनाम आठवें नंबर पर है। हालांकि, उसके पास विशाल दुर्लभ मृदा भंडार मौजूद है, जिसकी मदद से 2030 तक बड़ी मात्रा में प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना है।
10- ब्राजील-साउथ अफ्रीका
रेयर अर्थ मैग्नेट के उत्पादन वाले अन्य देशों में ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हैं, जो ग्लोबल दुर्लभ मृदा आपूर्ति में बड़ा योगदान देते हैं।
'मेक इन इंडिया' को मिलेगी नई रफ्तार
चीन के द्वारा रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात से प्रतिबंध हटाने के बाद भारत के मेक इन इंडिया कैम्पेन को नई रफ्तार मिलेगी। अभी तक भारत इनकी जरूरत के लिए ज्यादातर आयात पर निर्भर है, लेकिन अब इसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा। बता दें कि रेयर अर्थ मैग्नेट प्रोडक्शन में चीन का दबदबा अब भी कायम है। पूरी दुनिया के रेयर अर्थ मैग्नेट प्रोडक्शन में ड्रैगन 90% हिस्सेदारी रखता है। कहने का मतलब है कि पूरी दुनिया की सप्लाई बीजिंग की पॉलिसीज और एक्सपोर्ट्स रिस्ट्रिक्शन पर डिपेंड करती है। भारत के पास खनिज भंडार तो हैं, लेकिन उन्हें खोजने और प्रोसेस करने की कैपेसिटी लिमिटेड है।
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