सार

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। अमेरिकी न्याय विभाग ने इस मामले में ईरानी ऑपरेटिव समेत तीन लोगों पर आरोप लगाए हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने न्यूयॉर्क में ट्रंप की निगरानी में मदद की थी।

वर्ल्ड डेस्क। ईरान के इशारे पर अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रची गई। इसका भंडाफोड़ हो गया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने ट्रम्प को निशाना बनाने की ईरानी साजिश में तीन लोगों पर आरोप लगाया है।

इस साजिश का मास्टर माइंड ईरान का एक ऑपरेटिव फरहाद शकेरी है। वह ईरान में फरार है। वहीं, अमेरिकी नागरिक कार्लिसल रिवेरा और जोनाथन लीडहोल्ट को न्यूयॉर्क में निगरानी में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी अमेरिका के न्याय विभाग (DOJ) ने दी है।

ईरान भाग गया शकेरी

DOJ ने बताया है कि 51 साल का शकेरी ईरानी नागरिक है। रिवेरा, (जिसे पॉप के नाम से भी जाना जाता है) न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन से है। वहीं, लोडहोल्ट न्यूयॉर्क के स्टेटन द्वीप का है। रिवेरा और लोडहोल्ट को न्यूयॉर्क में उनके घर से गिरफ्तार किया गया। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि शकेरी ईरान भाग गया है।

ट्रम्प की हत्या के लिए न्यूयॉर्क आया था शकेरी

DOJ के अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने बताया कि शकेरी ट्रम्प की हत्या के लिए न्यूयॉर्क आया था। वह अपनी साजिश को सफल करने के लिए नेटवर्क चला रहा था। गारलैंड ने कहा, "हमने दो लोगों पर आरोप लगाया है। उन्हें गिरफ्तार किया है। इनके बारे में हमारा आरोप है कि उन्हें अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी पत्रकार को चुप कराने और उसकी हत्या करने के लिए भर्ती किया गया।"

सितंबर में अमेरिका ने ईरान द्वारा ट्रम्प की हत्या की नाकाम साजिश का पर्दाफाश किया था। ट्रम्प 5 नवंबर को हुए अमेरिकी चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवार थे। 13 जुलाई को पेनसिल्वेनिया के बटलर में एक रैली के दौरान ट्रंप को मारने की कोशिश की गई। इसके बाद इस साजिश का खुलासा हुआ।

कौन हैं फरहाद शकेरी?

फरहाद शकेरी मूल रूप से अफगान है। डकैती के लिए जेल की सजा काटने के बाद 2008 में उसे अमेरिका से निर्वासित किया गया था। शकेरी पर ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) की ओर से भाड़े पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। शकेरी अब ईरान में रहता है।

सितंबर 2024 में शकेरी को ईरानी शासन द्वारा डोनाल्ड ट्रम्प की निगरानी और उनकी हत्या करने का काम सौंपा गया था। इस साजिश पर कई गुप्त बैठकों में चर्चा की गई थी। शकेरी को उसके ईरानी संचालकों ने 7 दिन में ट्रंप की हत्या की योजना बनाने का निर्देश दिया था। शकेरी ऐसा नहीं कर सका तो IRGC के अधिकारी ने सुझाव दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद तक ऑपरेशन रोक दें। कहा कि यदि ट्रम्प हार गए तो उन्हें मारना "आसान" होगा।

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