सार
बलात्कार का आरोपी नित्यानंद भारत का भगोड़ा है। उसने कैलाश नाम का अपना देश बनाया है। विजयप्रिया नित्यानंद (Vijayapriya Nithyananda) को संयुक्त राष्ट्र में कैलास देश का प्रतिनिधी बताकर तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।
जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक बैठक में एक भगवाधारी महिला की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। भगोड़े तांत्रिक नित्यानंद ने तस्वीरों और वीडियो को शेयर किया है। नित्यानंद ने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा बनाने का दावा किया था। उन्होंने दावा किया कि विजयप्रिया नित्यानंद (Vijayapriya Nithyananda) ने संयुक्त राष्ट्र में कैलास देश का प्रतिनिधित्व किया।
तस्वीरों और वीडियो में विजयप्रिया को भगवा रंग की साड़ी पहने देखा जा सकता है। उन्होंने गले में रुद्राक्ष की माला और माथे पर मांग टीका पहना था। नित्यानंद द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों में बताया गया है कि विजयप्रिया जिनेवा में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही थीं।
कौन हैं विजयप्रिया नित्यानंद?
- विजयप्रिया नित्यानंद की पहचान संयुक्त राष्ट्र में कैलाश राज्य के स्थायी राजदूत के रूप में की गई है।
- वह अमेरिका में रहती हैं। उन्होंने 2014 में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनिटोबा से माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई की है।
- अपने लिंक्डिन प्रोफाइल के अनुसार विजयप्रिया अंग्रेजी, फ्रेंच, क्रियोल और पिजिन बोलती हैं।
- नित्यानंद के आभासी हिंदू देश कैलाश में विजयप्रिया को राजनयिक का दर्जा प्राप्त है।
- विजयप्रिया के दाहिने हाथ पर नित्यानंद का टैटू है। इसे तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है।
विजयप्रिया ने पहले दिया भारत के खिलाफ बयान फिर दी सफाई
यूएन में अपने बयान में विजयप्रिया ने कहा कि भारत ने उनके गुरु नित्यानंद को प्रताड़ित किया है। मामले ने तूल पकड़ा तो विजयप्रिया ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य कैलास भारत को बहुत अधिक सम्मान देता है। हम भारत सरकार से हिंदू विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं। हिंदू विरोधी तत्व कैलासा के खिलाफ हमला कर रहे हैं और लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं।
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संयुक्त राष्ट्र ने कहा विजयप्रिया के बयान का नहीं को कोई महत्व
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि भारतीय भगोड़े नित्यानंद द्वारा स्थापित तथाकथित यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के प्रतिनिधियों द्वारा पिछले सप्ताह जिनेवा में दिए गए बयान पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। उनका बयान अप्रासंगिक था। इसका कोई महत्व नहीं है। प्रतिनिधिमंडल एक एनजीओ के रूप में सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। बता दें कि बलात्कार का आरोपी नित्यानंद 2018 में अपने दो शिष्यों के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत से भाग गया था।
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