यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं क्लास में किसी छात्र के अगर एक या दो सब्जेक्ट में न्यूनतम मार्क्स से कम नंबर आते हैं तो वे छात्र फेल माने जाएंगे। ऐसे छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। बोर्ड की तरफ से उन्हें एक मौका और दिया जाएगा।
इस बार योगी सरकार टॉपर्स को भर-भरकर इनाम देने जा रही है। यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के रिजल्ट में टॉपर्स की टॉप-20 लिस्ट में जिन छात्र-छात्राओं का नाम होगा, उनके गांव तक सरकार पक्की सड़क बनवाएगी। इस रोड का नाम स्टूडेंट्स के नाम पर होगा।
यूपी बोर्ड में 58 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का रिजल्ट आज आएगा। नतीजों के ऐलान के बाद साइट पर लोड बढ़ सकता है। ऐसे में अगर इंटरनेट के जरिए रिजल्ट नहीं देख पा रहे हैं तो आप एक SMS से मोबाइल पर बिना इंटरनेट रिजल्ट पा सकते हैं।
इस बार एमपी बोर्ड टॉपर्स की लिस्ट जारी करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टॉपर्स का सरकार सम्मान करेगी। रिजल्ट जारी होने के बाद टॉपर्स के लिए सम्मान समारोह आयोजित होगा। जिसमें उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल के 31 लाख से ज्यादा और इंटर के 27 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का रिजल्ट जारी होने वाला है। पिछले तीन साल के रिजल्ट की बात करें तो 2022 और 2020 में जून और 2021 में जुलाई में रिजल्ट जारी किया गया था।
यूपी बोर्ड का रिजल्ट अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक जारी हो सकता है। इस बीच अगर रिजल्ट से पहले आप अपना रोल नंबर भूल गए हैं या आपका एडमिट कार्ड खो गया है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछ ट्रिक से आप अपना रोल नंबर पता कर सकते हैं।
10 साल बाद यूपी बोर्ड में रिजल्ट जल्दी आने का रिकॉर्ड टूट सकता है। इस बार रिकॉर्ड समय में कॉपियों का मूल्यांकन भी हुआ है। 30 साल बाद इस बार ऐसा हुआ, जब बिना नकल यूपी बोर्ड की परीक्षाएं हुईं और उसमें किसी तरह की परेशानी नहीं आई।
इस साल आईसीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षा में 1.7 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। वहीं, आईएससी बोर्ड 12वीं क्लास की परीक्षा करीब 1 लाख छात्र-छात्राओं ने दी है। 2.5 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है।
बोर्ड परीक्षा 2023 में एग्जाम देने वाले सभी स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि वे रिजल्ट की तारीख या इससे जुड़ी किसी भी सोशल मीडिया खबर या वायरल न्यूज पर भरोसा न करें। किसी भी तरह की जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।
10वीं-12वीं में कुल 3.19 करोड़ आंसर-शीट की जांच के लिए 1 लाख 43 हजार 933 परीक्षक ड्यूटी पर लगाए गए थे। इसमें 10वीं की 1.86 करोड़ और 12वीं की 1.33 करोड़ कॉपियां थीं। 31 मार्च को मूल्यांकन का काम पूरा हो चुका है।