इसरो (ISRO) 2028 में चंद्रयान-4 (Chandrayaan-4) मिशन भेजेगा। इस मिशन में चंद्रमा की सतह से चट्टान लाया जाएगा।
विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग कर ली है। यह प्रक्रिया शाम करीब 5:45 बजे शुरू हुई। शाम 6:04 बजे लैंडिंग हुई। इस दौरान 20 मिनट बेहद तनाव भरे रहे।
रूस का चंद्र मिशन लूना-25 क्रैश हो गया। इसके क्रैश होते ही करीब 47 साल बाद अंतरिक्ष में वापसी कर रहे रूस के सपने भी टूट गए। वहीं अब सभी की नजरें चंद्रयान-3 पर टिकी हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है।
चंद्रयान-3 चंद्रमा पर लैंडिंग के लिए तैयार है। 23 अगस्त को 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर मॉड्यूल की चांद पर लैंडिंग होगी। बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ESA भी ISRO का साथ दे रही हैं।
इसरो के वैज्ञानिक नीलेश एम देसाई ने बताया है कि चंद्रयान-तीन (Chandrayaan-3) की लैंडिंग इस बात पर निर्भर करती है कि लैंडर और चांद के सतह की स्थिति कैसी है। सबकुछ ठीक नहीं रहा तो इसे 27 अगस्त तक टाला जा सकता है।
इसरो का चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) अब चंद्रमा से मात्र 25 किलोमीटर दूर है। यह 25 km x 134km की कक्षा में चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है। 23 अगस्त को यह चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करेगा।
भारत का मिशन चंद्रयान-3 लांच कर दिया गया है और भारतीय वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बेहद सफल होगा। लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि आखिर इस सफलता के पीछे की टीम कौन सी है।